कोरोना बना अधिकारियों के लिए जनता से ना मिलने का बहाना

कोरोना बना अधिकारियों के लिए जनता से ना मिलने का बहाना

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ 

आजमगढ़

कोरोना बना अधिकारियों के लिए जनता से ना मिलने का बहाना

 कोरोना महामारी के बीच जनपद आजमगढ़ में एक विचित्र मनोदशा देखी जा रही है,  यहां के अधिकारी कोरोना का बहाना मार कर जनता से मिलना नहीं मिल रहे हैं। आपको बता कि आज़मगढ़ कलेक्ट्रेट पर प्रतिदिन हजारों लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं।  लेकिन आजमगढ़ के नवागत जिलाधिकारी को कुछ ज्यादा ही कोरोना का डर सता रहा है वह किसी आम व्यक्ति से नहीं मिलते हैं।  हालांकि इसके पहले कोरोना काल में ही बुजुर्ग जिला अधिकारी एनपी सिंह रोजाना मीडिया से मुखातिब होते थे और जनता से भी मिलते थे, लेकिन नए नवेले होने के बाद भी नवागत जिलाधिकारी किसी भी आम मीडिया या आम जनमानस से नहीं मिलना चाहते ना ही यह महोदय अपना मोबाइल तक खुद उठाते हैं,

 इनके मोबाइल को इनके फलोवर उठाते हैं,  आमतौर पर जनता से मीटिंग का बहाना कर कभी भी किसी आम जनमानस से जिलाधिकारी की बात नहीं कराते अगर कोई खास हो तो शायद बात हो जाती है।  अब इन्हीं की कार्यशैली देखकर आजमगढ़ कलेक्ट्रेट का कोई भी अधिकारी किसी भी जन सेवक या जनता से नहीं मिलना चाहता जिसके कारण जनता की समस्याओं का निराकरण ना के बराबर हो रहा है।

 जनता की समस्याओं में मनमाने तरीके से रिपोर्ट लगाई जा रही है और जनता केवल कलेक्ट्रेट भवन दर्शन कर परिक्रमा लगाकर,यहाँ पर बने हुए बक्से में अपना अप्लीकेशन डाल वापस अपने घरों को लौट जाती है।  कार्यवाही के नाम पर जनता को 0 ही मिलता है ऐसे में अब आजमगढ़ की जनता ऐसे अधिकारियों से त्रस्त आ चुकी है।

 जिलाधिकारी के ऊपर गंभीर आरोप लगा रही है जनता का कहना है कि अगर जिला अधिकारी हमसे नहीं मिलेंगे तो हमारी समस्याओं को सुनेगा कौन ? वही जनता का यह भी कहना है कि जब 2 गज की दूरी सरकार ने तय कर दी है तो 2 गज नहीं 10 गज की दूरी से ही मिले लेकिन कम से कम जनता की बात तो सुने अधिकारी। 

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