कमजोर पड़ता भारत-नेपाल संबंध

कमजोर पड़ता भारत-नेपाल संबंध


भीम सिंह बघेल

स्वतंत्र लेखक 

कमजोर पड़ता भारत-नेपाल संबंध


लिपुलेख और काला पानी को लेकर नेपाल सरकार द्वारा जारी किए गए नक्शे तथा नो मैंस लैंड पर नेपाली नागरिकों द्वारा कब्जा के रिपोर्ट तथा तत्काल में नेपाल से लगे सीतामढ़ी में सशस्त्र प्रहरी बल ने शुक्रवार कि सुबह करीब 8:30 बजे 18 राउंड की फायरिंग  की घटना में एक भारतीय की मौत बता दो का घायल होना भारत-नेपाल संबंधों को नए सिरे से समीक्षा करने के लिए बाध्य करता है।

एक तरफ चीन तो दूसरी ओर नेपाल की सीमाओं पर हलचल तेज है भारत नेपाल संबंध अभिन्न रूप से धार्मिक, सांस्कृतिक, नृजातीय तत्वों से घिरे हैं स्वतंत्रता के बाद भारतीय विदेश नीति में नेपाल के सामरिक महत्व को पहचाना गया तथा जैसे ही चीन में साम्यवादी क्रांति हुई चीन द्वारा अपना दावा तिब्बत पर करना प्रारंभ कर दिया गया नेपाल से बेहतर संबंध भारत के उत्तरी सीमा के लिए महत्वपूर्ण है। 1990 में नेपाल के विदेश नीति में बड़ा परिवर्तन हुआ और इसका संबंध चीन के साथ स्थापित हुए तथा बहुदलीय लोकतंत्र की स्थापना से हुई 1996 में नेपाल पर माओवादीयो का प्रभाव बढ़ने लगा जिससे नेपाल की चीन से स्पष्ट निकटता दिखाई दी वर्ष 2008 में नेपाल में पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, समाजवादी अवधारणा को अपनाया गया।

भारत नेपाल मित्रता संधि के अनुसार भारत और नेपाल के बीच लोगो का मुक्त आवागमन सुविधा दी गई है नेपाल दुनिया के किसी भी देश से हथियार खरीदने से पहले भारत से परामर्श अवश्य करेगा दोनों देश के नागरिक एक- दूसरे के यहां कार्य करने के लिए स्वतंत्र हैं साथ ही दोनों देश-विदेश नीति के मुद्दे पर एक दूसरे के साथ सहयोग करेंगे। नेपाल किस संधि का पुनरालोकन चाहता है । नेपाल का तर्क है कि संधि 1950 में हुई तब नेपाल में राजतंत्र था जबकि वर्तमान में नेपाल में पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक शासन है नेपाल भूमि आबद्ध राज्य हैं तथा इस संधि के चलते नेपाल की भारत पर निर्भरता बढ़ी है यह संधि नेपाल के संप्रभुता के विरुद्ध है भारत इस संधि के पुनरावलोकन के लिए तैयार हैं यह स्पष्ट नहीं है कि नेपाल पुनरावलोकन किस आधार पर चाहता है।

समान दूरी के सिद्धांत में नेपाल का झुकाव चीन की ओर दिखाई देता है नेपाल द्वारा भारत को संतुलित करने के लिए चीन कार्ड का प्रयोग करता है चुकी चीन के तिब्बत प्रांत से शरणार्थी नेपाल में रह रहे हैं तथा चीन द्वारा नेपाल पर दबाव तिब्बत से हो रही चीन विरोधी गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जा सके नेपाल में प्रभाव बढ़ाकर चीन भारत की निगरानी चाहता है। भारत- नेपाल में मधेशी समस्या भी है नेपाल के पहाड़ी और तराई के मध्य का क्षेत्र मधेश कहा जाता है इस क्षेत्र में नेपाल के 22 जिले हैं जिसमें काफी सीमा भारत से मिलती है मधेशी मूल के लोगों में भारतीय मूल के मधेशी तथा नेपाली मूल के मधेसी शामिल हैं जब से नेपाल में साम्यवाद का प्रभाव बढ़ा है माओवादीयो द्वारा आरोप लगाया जाता है कि भारत मद्धेशिया को उकसाता है चुके मद्धेशिया को भारत समर्पित माना जाता है।

 चीन द्वारा नेपाल की आधारभूत परियोजना में निवेश जिसमें सड़क, पनबिजली परियोजना , रेल परियोजना, परिवहन के विकास के बहाने लगातार निवेश बढ़ा रहा है वहीं भारत की परियोजना नेपाल में धीमी गति से कार्य कर रही हैं जिससे चीन को नेपाल में अपना प्रभाव बढ़ाने का अवसर मिल रहा है । भारत -नेपाल का संबंध रोटी और बेटी का है त्रेता युग में जनकपुरी के राजा जनक की पुत्री का विवाह कोशल नरेश के पुत्र मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र से हुआ था इस तरह दो देशों के बीच यह प्राचीन संबंध एकमात्र हिंदू राष्ट्र और हिंदू संस्कृति में रची बसी भारत से हैं।

इस तरह कहा जा सकता है कि नेपाल को 1816 में हुए सुगौली की संधि का पालन करते हुए नेपाल को तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से बचना चाहिए क्योंकि लद्दाख की परिस्थितियों से नेपाल चीन के रवैया को लेकर वाकिफ होगा। भारत जैसे परंपरागत मित्र से नेपाल का संबंध दक्षिण एशिया में शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है जहां पर पड़ोसी देश और विश्व के बड़े देश संरक्षणवादी और विस्तारवादी नीति से आगे बढ़ रहे हो ।

       

                

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