कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि एफ0पी0ओ0 समूह की समीक्षा बैठक सम्पन्न
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- Updated: 12 October, 2022 22:10
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कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि एफ0पी0ओ0 समूह की समीक्षा बैठक सम्पन्न
प्रकाश प्रभाव न्यूज़(PPN)
उदयवीर सिंह शाहजहांपुर
शाहजहाँपुर। जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि एफ0पी0ओ0 समूह की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कृषि उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) द्वारा किये गये कार्याें की समीक्षा भी की। जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों के लिये चलाई जाने वाली योजनाओं का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना तथा आधुनिक तकनीकों की जानकारी देकर उनके उत्पादन में वृद्धि कर उन्हे आत्म निर्भर बनाना है। उन्होने योजनाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किये जाने के निर्देश दिये तथा सभी पात्रों को लाभान्वित कराये जाने हेतु भी निर्देशित किया। नाबार्ड द्वारा कृषि आधारभूत संरचना के विकास हेतु संचालित योजनाओं के विषय में एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधियों को जानकारी दी गयी।
बैठक में उप कृषि निदेशक द्वारा एफ.पी.ओ. को विस्तृत कार्य प्रणाली के आधार पर कार्य करने, एफ.पी.ओ. में सदस्यों की संख्या बढ़ाने, एफ०पी०ओ० शक्ति पोर्टल पर पंजीकृत कराने एवं संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत व आत्मनिर्भर बनाने के लिये कृषि उद्यमिता कौशल विकसित करने पर, प्राकृतिक खेती करने व फसल अवशेष प्रबन्धन कर मृदा की गुणवत्ता व उत्पादकता में वृद्धि करने वाले तथ्यों को प्रकाशित कर जानकारी दी। उप कृषि निदेशक ने अवगत कराया कि वर्तमान में जनपद में 72 एफ0पी0ओ0 विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत है तथा 32 एफ०पी०ओ० शक्ति पोर्टल पर पंजीकृत है।
जिला परियोजना समन्वयक यू.पी. डास्प के प्रभारी ने बताया कि जनपद में कृषकों द्वारा किये गये आनलाईन आवेदनों के आधार पर क्लस्टर प्रदर्शन / कृषि यन्त्रीकरण में भौतिक लक्ष्यों में वित्तीय सीमा के अन्दर संशोधन प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में क्लस्टर प्रदर्शन मद में उर्द के क्लस्टर 8.6, बाजरा के क्लस्टर 10.4 मक्का के 7.9 क्लस्टर, मूंगफली के 0.5 क्लरअर, सोयाबीन के 2.1 क्लस्अर एवं खरीफ सब्जी के 26 हे० के प्रदर्शनों की पूर्ति एवं लाभार्थियों के चयन पर चर्चा एवं स्वीकृति तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 में यूपीडास्प द्वारा 05 विकास खण्डों (मिर्जापुर, कलान दद्रौल, सिंधौली एवं बंडा) में कृषि विकास खण्ड में कृषि विभाग द्वारा काप डाइवर्सीफिकेशन परियोजना संचालित की जा रही है।
डी. डी. नाबार्ड द्वारा समूहों को आपस में जोड़कर उनके कार्यों व कौशल क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। एल. डी. एम महोदय द्वारा एफ.पी.ओ. को ऋण की व्यवस्था शुगम बनाकर उद्यमिता बढ़ाने पर जोर दिया गया, साथ ही अवगत कराया कि केंद्रीय योजना 10,0000 किसान उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओं0) का गठन एवं प्रोत्साहन की भी जानकारी दी। तहसील पुवायाँ एवं तिलहर में किसान उत्पादक संगठन के गठन एवं सम्वर्धन में चयनित सीबीबीओ, (Cluster Based Business Organization) सर्व सेवा समिति संस्थान द्वारा अब तक की गई प्रगति से अवगत कराया गया तथा ।Agriculture Infrasturcture Fund (AIF) योजनान्तर्गत यदि कोई किसान उत्पादक संगठनों तथा अन्य कृषकों के द्वारा 02 करोड़ तक का प्रोजेक्ट संचालित कराने के लिये नाबार्ड के द्वारा 03 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जायेगी।
मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह द्वारा सभी एफ.पी.ओ. के सदस्यों को बताया गया कि धान की फसल की कटाई के बाद फसल अवशेषों को न जलाये बल्कि फसल अवशेष का प्रबन्धन कर मिट्टी में मिलाकर उसकी गुणवत्ता को बढ़ाकर उत्पादन को बढ़ाया जा सके। पराली को एकत्रित कर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम द्वारा पराली प्रबन्धन हेतु संयंत्र की स्थापना की गयी है, जिसके लिये हिन्दुस्तान पेट्रोलियम द्वारा सीधे कृषकों से पराली का क्रय किया जा सकता है, साथ ही यह भी जानकारी दी गयी कि फसल अवशेष प्रबन्धन कार्य हेतु मनरेगा योजनान्तर्गत सहायता ली जा सकती है। जिला उद्यान अधिकारी के द्वारा द्वारा एफ.पी.ओ. को बताया गया कि किसानों के द्वारा परम्परागत खेती के स्थान पर व्यवसायिक खेती जैसे औषधिये एवं सुगंधित फसलों व फल एंव फूलों की खेती के साथ बाजार आधारित सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन कर पूरे वर्ष रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते है।
बैठक के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा समस्त एफ.पी.ओ. को निर्देशित किया गया कि कृषि विभाग द्वारा अनुदानित कृषियंत्रों का समुचित उपरयोग करते हुये पराली अवशेष प्रबन्धन पर विशेष ध्यान दे, साथ ही एफ.पी.ओ. के अध्यक्ष / सदस्यों को मार्केटिंग व पैंकिग के कार्यों को करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। जिला अधिकारी द्वारा एफ.पी.ओ. को एफ. आई.जी. का गठन कर मूल्य संवर्द्धन करने हेतु भी निर्देशित किया गया औरएफ.पी.ओ. के सी.ई.ओ. को बताया कि सरकारी योजनाओं के साथ-साथ स्वयं के द्वारा एफ.पी.ओ. के छोटे किसानों को जोड़कर आमदनी में वृद्धि की जाये ।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक मत्स्य / रेशम अधिकारी, मण्डी सचिव, जिला प्रबन्धक नाबार्ड, प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रबन्धक जिला अग्रणी बैंक, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी जिला परियोजना समन्वयक यू.पी.डास्प व जनपद में संचालित कृषक उत्पादक संगठन के अध्यक्ष / सी.ई.ओ. सहित 45 प्रतिभागियों नेे प्रतिभाग किया।
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