योगी सरकार के प्रयास से बालिकाओं की प्रगति को लगे पंख

योगी सरकार के प्रयास से बालिकाओं की प्रगति को लगे पंख

PPN NEWS


लखनऊ, 19 नवंबर। (PPN) योगी सरकार द्वारा जीवन कौशल शिक्षा के माध्यम से प्रदेश की बेटियों के लिए सुरक्षित, समावेशी और खुशहाल स्कूलों का निर्माण सुनिश्चित करने के प्रयास अब रंग ला रहे हैं। योगी सरकार के इस प्रयास ने बेटियों की प्रगति को पंख लगाने का कार्य किया है। 


इसी दिशा में, यूनिसेफ के सहयोग से योगी सरकार ने ‘प्रगति 2024: स्वाभिमान और सफलता की ओर’ कार्यक्रम का आयोजन गोमती नगर स्थित दयाल गेटवे ऑडिटोरियम में किया। यह आयोजन बेटियों, शिक्षकों और समुदाय के प्रयासों को सम्मानित करने और शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी तथा सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ। 


शिक्षा प्रति उजागर हुई नई सोच

कार्यक्रम में ‘आत्म-सम्मान’ और ‘आधा फूल’ जैसी पहलों को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने शिक्षा के प्रति नई सोच को उजागर किया। इस पहल का उद्देश्य न केवल बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाना है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण में बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करना भी है।


40 लाख बालिकाओं तक बनी पहुंच

इस पहल ने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 45,655 स्कूलों और 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) को शामिल करते हुए 40 लाख बच्चों के जीवन को छुआ है। इस दौरान आत्म-सम्मान और आधा फूल कॉमिक्स के माध्यम से बच्चों को प्रेरणा दी गई और जीवन कौशल शिक्षा के महत्व पर व्यापक चर्चा हुई।


बालिकाओं की व्यक्तिगत और शैक्षणिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए आयोजित इस कार्यक्रम में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए 'म्यूजिकल चेयर खेल' जैसे रोचक आयोजन किए गए। साथ ही, लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ने के उद्देश्य से यूनिसेफ द्वारा तैयार पोस्टर और प्लेबुक का प्रयोग किया गया। इन सामग्रियों के माध्यम से अभिभावकों को जागरूक किया गया कि वे बालिकाओं के सवालों का सहज और सकारात्मक तरीके से जवाब दें। इनके माध्यम से अभिभावकों को यह संदेश दिया गया कि बालिकाओं के आत्मविश्वास और जीवन कौशल को प्रोत्साहित करने में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। इन प्रयासों ने न केवल बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया, बल्कि समुदाय को लैंगिक समानता के प्रति जागरूक करने में भी अहम भूमिका निभाई।


मीना मंच, बेटियों के लिए एक सशक्त मंच बन चुका है। बता दें कि मीना मंच, एक काल्पनिक पात्र “मीना” से प्रेरित है, जो साहस और सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस मंच के माध्यम से बच्चों को अपनी समस्याएँ साझा करने और उनके समाधान खोजने का अवसर मिलता है। 


बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि हर शनिवार को आयोजित ‘मीना सभा’ बालिकाओं को शिक्षा में शामिल बनाए रखने और स्कूल छोड़ने से रोकने में सहायक है। श्री सिंह ने कहा कि 'प्रगति 2024' ने यह साबित किया है कि शिक्षा को समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार और समुदाय के संयुक्त प्रयास कितने महत्वपूर्ण हैं। योगी सरकार और यूनिसेफ की यह पहल प्रदेश की बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाकर उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ा रही है।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *