जिला पंचायत चुनाव में पांच में से तीन सीट भाजपा ने कब्जा, जिला पंचायत अध्यक्ष पद होगा भाजपा के नाम

जिला पंचायत चुनाव में पांच में से तीन सीट भाजपा ने कब्जा, जिला पंचायत अध्यक्ष पद होगा भाजपा के नाम

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

गौतमबुद्धनगर।


जिला पंचायत चुनाव में पांच में से तीन सीट भाजपा ने कब्जा, जिला पंचायत अध्यक्ष पद होगा भाजपा के नाम

गौतमबुद्धनगर में जिला पंचायत परिणाम घोषित कर दिये गए है। पांच में से तीन सीट भाजपा ने कब्जा किया है। जबकि, दो सीटे पर  बीएसपी और निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। वार्ड एक से मोहिनी ने , तीन पर भाजपा प्रत्याशी ब्रजेश उर्फ देवा भाटी ने और पांच पर भाजपा प्रत्याशी अमित चौधरी ने जीत दर्ज की है।

वार्ड दो से बसपा प्रत्याशी जयवती नागर और वार्ड पांच से निर्दलीय प्रत्याशी सुनील भाटी ने बाजी मारी। पांच में से तीन सीटों पर कब्जा कर भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद को भी अपने नाम कर लिया है। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 52 प्रत्याशी मैदान में थे।

रिटर्निंग अफसर दिवाकर सिंह ने बताया कि वार्ड एक पर भाजपा प्रत्याशी मोहिनी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को 4089 वोट के अंतर से मात दी। मोहिनी को 10,440 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहीं सरोज को 6351 वोट मिले। वहीं, वार्ड नंबर दो पर बसपा प्रत्याशी और पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन जयवती नागर ने 10,391 मत हासिल कर जीत दर्ज की। यहां मुकाबला रोमांचक रहा। इस कारण जीत का अंतर काफी कम रहा।

जयवती ने प्रतिद्वंद्वी व भाजपा प्रत्याशी गीता नागर (9614 वोट) को 777 वोट से हराया। उधर, वार्ड नंबर तीन पर भाजपा प्रत्याशी ब्रजेश उर्फ देवा भाटी ने 4099 वोट के अंतर से जीत दर्ज की है।देवा भाटी को 9464 और प्रतिद्वंद्वी नफीस अहमद को 5365 वोट मिले। 

वार्ड नंबर चार पर निर्दलीय प्रत्याशी सुनील भाटी देवटा ने 5312 वोट के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की। सुनील भाटी को 13889 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी अवनेश भाटी को 8577 वोट मिले।

वार्ड नंबर पांच पर भाजपा प्रत्याशी अमित चौधरी ने जीत दर्ज की। अमित चौधरी को 8084 वोट मिले। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी रोहताश (5814) को 2270 वोट के अंतर से हराया। पांच में से तीन सीटों पर कब्जा कर भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद को भी अपने नाम कर लिया है।

अध्यक्ष बनने के लिए पांच में से तीन सदस्य का समर्थन चाहिए। यहां भाजपा के तीन सदस्य हैं। ऐसे में भाजपा को बसपा और निर्दलीय चुनाव जीतने वाले सदस्य के समर्थन की जरूरत नहीं होगी।

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