जिले में संचालित अवैध क्लीनिक व नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग बेखबर

जिले में संचालित अवैध क्लीनिक व नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग बेखबर

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

कौशाम्बी। 14/01/2021

रिपोर्ट। ब्यूरो कौशाम्बी

जिले में संचालित अवैध क्लीनिक व नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग बेखबर

झोलाछाप डॉक्टरो की क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग मेहरबान आए दिन हो रही है मौत

संविदा कर्मी झोलाछाप डॉक्टर को राहत देने के नाम पर कर रहा है बड़ी वसूली


कौशाम्बी।जिले में स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम पर झोलाछाप चिकित्सक पल रहे हैं आए दिन गलत इलाज के चलते मरीजों की मौत होती है लेकिन मौत के बाद भी क्लीनिक नर्सिंग होम सील नहीं किए जाते हैं और जिन क्लीनिक और नर्सिंग होम को पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यकाल ने सील किए गए थे उन्हें भी बिना अनुमति के खोल कर चिकित्सक फिर से इलाज करना शुरू कर दिए हैं। सील किए गए नर्सिंग होम में फिर से इलाज शुरू किए जाने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवश दिखाई पड़ रहे हैं। जहां फिर वही पुराना खेल चालू कर इलाज में मरीजों से धन दोहन करना, लापरवाही के चलते मरीजों की मौत हो जाना अब आम बात हो गई है।


मंझनपुर मुख्यालय के चार नर्सिंग होम में मरीजों की लगातार मौत हो चुकी है। इसी तरह झोलाछाप डॉक्टरों के यहां इलाज में मरीजों की मौत का खेल बेखौफ तरीके से खेला जा रहा है म्योहर गांव के एक अशिक्षित कम पढ़े लिखे भौकाली चिकित्सक के क्लीनिक में इलाज के दौरान लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो चुकी है। इसी तरह मूरतगंज में दर्जनों अवैध क्लीनिक व नर्सिंग होम धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। जिसकी शिकायत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मूरतगंज से की गई तो अपना पल्ला झाड़ कर किनारा ले लिया।


यही स्थिति कड़ा क्षेत्र के ताज मल्लाहन के एक चिकित्सक का है जहाँ मामूली इलाज में मरीज की मौत हो चुकी है। अस्पतालों के डॉक्टर के पास डिग्री नही है लेकिन बेखौफ तरीके से क्लीनिक और नर्सिंग होम का संचालन हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे दिन एसी में बैठ कर मौज कर रही है। जिले में इलाज के नाम पर मरीजों की मौत का खेल बेखौफ तरीके से कम पढ़े लिखे चिकित्सकों द्वारा खेला जा रहा है लेकिन कार्यवाही के नाम पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मौत के सौदागर चिकित्सकों के बचाव में खड़े दिखाई पड़ते हैं। वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यकाल में अभी तक एक भी चिकित्सक गिरफ्तार होकर जेल नहीं गया है। विभागीय उदासीनता के चलते मौत के सौदागर चिकित्सकों के हौसले बुलंद हैं। चर्चाओं पर जाएं तो स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मी द्वारा झोलाछाप डॉक्टर को राहत देने के नाम पर बड़ी वसूली की जा रही है। यह संविदा कर्मी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नजदीकी बताया जाता है बीते कई वर्षों से जिले के अवैध क्लीनिक अवैध नर्सिंग होम से वसूली का जो यह खेल कुछ वर्ष पूर्व शुरू हुआ है इस बीच कई मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदल गए हैं लेकिन अवैध वसूली का खेल नहीं बंद हो सका है। जिले के अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिक के मामले में शासन ने उच्च स्तरीय जांच कराई तो जिम्मेदारों की जहां कलई खुलेगी वही उन पर कठोर कार्यवाही होना तय है।

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