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भारत के किसानों और जवानों को किसी सहारे की ज़रूरत नहीं- सुनील सिंह
लखनऊ। भारत एक किसान प्रधान देश है। भारत की आत्मा में 80 प्रतिशत किसान ही बसता है। इस देश का किसान और इस देश का जवान यह दोनों यहां की धरती की धड़कन है बावजूद इसके सबसे ज़्यादा प्रताड़ित इसी वर्ग को किया जाता है।
इस देश के किसानों को और इस देश के जवानों को किसी के सहारे की ज़रूरत नहीं बल्कि इस देश की सभी सियासी पार्टियों को किसानों की और जवानों की ज़रूरत पड़ती है।
यह बातें लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब किसी मुल्क में इतनी बड़ी संख्या में किसानों ने मिलकर अपनी जायज़ मांगो को लेकर 13 महीने तक प्रर्दशन किया। इस दौरान सत्तारूड़ मोदी सरकार ने हमारे देश के किसानों को कई तरह से प्रताड़ित किया। हमारी राहों में कांटों के तार बिछाए गए।
किसानों की गिरफ़्तारियां हुईं, बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी जानें गंवाईं अंतत्वोगत्वा 13 महीने के लंबे संघर्ष के बाद मोदी सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ लाये गए तीन काले क़ानून को वापस तो ले लिया लेकिन इसके बाद भी किसानों का कोई भला नहीं हुआ। वादे के बाद भी अब तक एमएसपी पर कोई क़ानून नहीं बनाया गया।
इस देश में किसानों का नहीं अडानी का राज चल रहा है
सुनील सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार दरअसल किसानों के पक्ष में नहीं बल्कि व्यवसाय जगत के सबसे बड़े व्यवसायी गौतम अडानी के पक्ष में है। मोदी जी के सारे फ़ैसले किसानों के हित में नहीं बल्कि अडानी और अंबानी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए होते हैं।
उन्होंने कहा कि दरअसल यह सरकार काॅरपोरेट की सरकार है जो इस देश की जनता को महंगी गैस, महंगी चीनी और महंगा अनाज बेचता है जबकि गन्ना किसानों को उनकी सही क़ीमत तक अदा नहीं की जाती है। जिस दिन देश में किसानों और देश के जवानों की सरकार बनेगी किसानों के गन्ने का मूल्य उनको तीन गुना दिया जाएगा और अग्निवीर को गंगा में बहाने का काम किया जाएगा।
चौधरी चरण सिंह के आवास से दिया जाएगा देश के नाम संदेश
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह जी के आवास से हम देश के किसानों और देश की वीर जवानों को संदेश देने के लिए एकत्र हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस देश की सियासत को अपनी सियासत चमकाने और सत्ता हासिल करने के लिए किसानों और जवानों की ज़रूरत पड़ती है लेकिन जब इस वर्ग को लाभ देने की बात होती है तो न ही एमएसपी पर कोई क़ानून बनता है और न ही जवानों के लिए वन रैंक वन पेंशन की स्कीम लागू होती है।
इसलिए हमने 11 सदस्य कमेटी का गठन किया है जिसकी पहली बैठक 18 नवंबर को चौधरी चरण सिंह जी के लखनऊ स्थित आवास पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
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