हज 2025: बच्चों के वीजा निरस्त करने पर अनीस मंसूरी का सरकार पर तीखा हमला

हज 2025: बच्चों के वीजा निरस्त करने पर अनीस मंसूरी का सरकार पर तीखा हमला

PPN NEWS

लखनऊ, 14 अप्रैल।

हज 2025: बच्चों के वीजा निरस्त करने पर अनीस मंसूरी का सरकार पर तीखा हमला, कहा— भावनाओं और अधिकारों के साथ हुआ अन्याय, अनुच्छेद 341 भी बना भेदभाव का कारण


हज 2025 की तैयारियां अंतिम दौर में हैं, लेकिन इसी बीच सऊदी सरकार द्वारा 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हज वीजा न देने का फैसला सामने आते ही मुस्लिम समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है। इस निर्णय के चलते देशभर के 291 बच्चों के हज आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के 18 बच्चे भी शामिल हैं। इस मुद्दे पर पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री अनीस मंसूरी ने केंद्र सरकार और हज कमेटी पर जमकर निशाना साधा है।


श्री मंसूरी ने इस फैसले को बेहद अमानवीय और क्रूर करार देते हुए कहा, "हज़ारों मुस्लिम परिवारों ने बच्चों को लेकर वर्षों से हज की योजना बनाई थी। अब अंतिम क्षणों में उनका वीजा निरस्त कर देना न केवल भावनात्मक चोट है, बल्कि धार्मिक आस्थाओं का भी अपमान है।" उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बच्चों के लिए वीजा पर रोक थी, तो हज आवेदन के समय यह बात क्यों नहीं बताई गई?


उन्होंने केंद्र सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि "क्या भारत सरकार ने सऊदी सरकार के इस फैसले का विरोध किया? क्या हज कमेटी ने यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए कोई कदम उठाया?" श्री मंसूरी ने मांग की कि भारत सरकार सऊदी प्रशासन से तत्काल संवाद स्थापित कर इस आदेश में राहत दिलाए और बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे।


संविधान के अनुच्छेद 341 का भी उठाया मुद्दा


इस अवसर पर श्री मंसूरी ने पसमांदा मुस्लिम समाज को लेकर संविधान के अनुच्छेद 341 का मुद्दा भी ज़ोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने कहा, "जब तक संविधान के अनुच्छेद 341 में धार्मिक प्रतिबंध मौजूद हैं, तब तक मुस्लिम और ईसाई दलितों को अनुसूचित जाति के तहत आरक्षण नहीं मिल सकता। यह स्पष्ट भेदभाव है, जो केवल धर्म के आधार पर किया जा रहा है।"


उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार वास्तव में डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों की अनुयायी है और पसमांदा समाज की हितैषी होने का दावा करती है, तो उसे इस अनुच्छेद में संशोधन कर पसमांदा मुस्लिमों को एससी की तरह आरक्षण का लाभ देना चाहिए। "जब समान शोषण झेलने वाले हिंदू, सिख और बौद्ध दलितों को आरक्षण मिल सकता है, तो मुस्लिम और ईसाई दलितों को क्यों नहीं?" मंसूरी ने सवाल उठाया।


उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने हज यात्रा से वंचित बच्चों के मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया और अनुच्छेद 341 में संशोधन की दिशा में पहल नहीं की, तो पसमांदा समाज देशभर में लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध प्रदर्शन करेगा। "यह सिर्फ हज यात्रा या आरक्षण का मुद्दा नहीं है, यह हमारे आत्मसम्मान, धार्मिक अधिकार और सामाजिक न्याय का सवाल है," श्री मंसूरी ने कहा।


Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *