लेखपाल और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से तालाब पर हो रहा कब्जा

लेखपाल और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से तालाब पर हो रहा कब्जा

prakash prabhaw news

लेखपाल और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से तालाब पर हो रहा कब्जा

 जहां एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार अवैध कब्जे को लेकर सख्त रवैया अपना रही है,

 तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी महकमे के कुछ कर्मचारी और कुछ सामाजिक लोग सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

 ताजा मामला राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील के ग्राम सभा पिपरसंड का है।

 जहां महेशदत्त त्रिपाठी व इनके तीन पुत्रों द्वारा ग्राम समाज के तालाब में ट्रैक्टर ट्राली से मिट्टी डालकर तालाब को पाटने का कार्य किया जा रहा है और उस पर ये लोग कब्जा करना चाहते हैं।

 गांव का अगर कोई भी व्यक्ति इस संबंध में कोई भी बात करने की कोशिश भी करता है,

तो यह लोग मारपीट पर आमादा हो जाते हैं।

आपको बता दें कि महेशदत्त त्रिपाठी व इनके पुत्र दबंग किस्म के व्यक्ति हैं ,जिसकी वजह से स्थानीय लोग विरोध करने की हिम्मत नहीं करते हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान ने अपनी आंखें बंद कर रखी है।

 जबकि क्षेत्रीय लेखपाल को पूरे मामले की जानकारी होने के बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

 जबकि तालाब पर लगातार कब्जा होता नजर आ रहा है।

 तालाब पर कब्जा होने से बरसात के समय में पानी निकासी की समस्या बढ़ गई है।

 गांव में लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ा है। वर्तमान समय में भी बरसात के समय काफी लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ा  यहां तक कि लोगों के घरों में भी पानी चला गया था।

 बतादें कि तालाब का रकबा कुल 13 बिस्वा का है जिसमें वर्तमान समय में महज 5 बिस्वा ही तालाब बचा है।

 इस संबंध में अगर समय पर कार्यवाही नहीं की गई तो तालाब पर पूर्णतः अवैध कब्जा हो जाएगा और ग्रामीणों को आजीवन जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा।

 अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अवैध कब्जे के विरोध में चलाए गए अभियान का कितना असर होता है।

 तालाब पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही होती है या उनके मनोबल को अधिकारियों की मिलीभगत से बढ़ावा मिलता है।

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