बेटे की याद में पिता का 'अभियान कौशल का', लखनऊ मैराथन में गूंजा 'नशा मुक्त भारत' का नारा
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- Updated: 19 October, 2025 21:30
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बेटे की याद में पिता का 'अभियान कौशल का', लखनऊ मैराथन में गूंजा 'नशा मुक्त भारत' का नारा
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने दिवंगत बेटे की पुण्यतिथि पर तीसरी बार आयोजित की फुल मैराथन, 5 हजार युवाओं ने लिया हिस्सा।
केरल के गोपी टी ने जीती 42.2 किलोमीटर की दौड़, नशा मुक्त विकसित भारत के लिए लिया सामूहिक संकल्प।
लखनऊ। लखनऊ की सड़कों पर रविवार की सुबह से ही उत्साह का माहौल था। युवा धावकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी इस आयोजन का हिस्सा बने और नशा मुक्ति के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने में योगदान दिया। आयोजन की सफलता ने यह साबित कर दिया कि सामूहिक प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। हम बात कर रहे है नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए रविवार को लखनऊ के दुबग्गा स्थित आईआईएम रोड पर 'नशा मुक्त फुल मैराथन फॉर विकसित भारत' का भव्य आयोजन किया गया। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर की प्रेरणा से आयोजित इस 42.2 किलोमीटर की दौड़ में करीब 5 हजार युवाओं ने हिस्सा लिया, जिन्होंने नशे के खिलाफ एकजुट होकर सामाजिक बदलाव का संदेश दिया। यह मैराथन न केवल एक खेल आयोजन था, बल्कि नशा मुक्ति के लिए एक शक्तिशाली जनांदोलन का प्रतीक बन गया।
मैराथन का शुभारंभ सुबह 8 बजे राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा और उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया। राष्ट्रगान की गूंज के साथ शुरू हुआ यह आयोजन धावकों के जोश और नशा मुक्ति के संकल्प से और भी जीवंत हो उठा। धावकों ने नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संदेश देते हुए दौड़ में हिस्सा लिया। मैराथन में केरल के वायनाड निवासी गोपी टी ने अपनी शानदार रफ्तार और दमखम के दम पर मैराथन में प्रथम स्थान हासिल किया और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार जीता। दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन निवासी अमरेश प्रजापति ने दूसरा स्थान हासिल कर 3 लाख रुपये का पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के ज्ञान बाबू ने तीसरा स्थान पाकर 1.5 लाख रुपये का पुरस्कार अपने नाम किया। कुल 53 धावकों को 25 लाख रुपये के पुरस्कार विजेताओं के बीच वितरित किए गए, जिससे धावकों का उत्साह और बढ़ गया।
आयोजन में भाजपा जिलाध्यक्ष विजय कुमार मौर्या, विधायक जय देवी कौशल, अमरीष रावत, योगेश शुक्ला, रामकृष्ण भार्गव, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष विकास किशोर, अंकुर रावत, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मीनू वर्मा, प्रधान सर्वेश रावत सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। इन गणमान्य व्यक्तियों ने धावकों का हौसला बढ़ाया और नशा मुक्ति के इस अभियान को समर्थन दिया। युवाओं को संबोधित करते हुए कौशल किशोर ने कहा कि मेरे पुत्र आकाश किशोर 'जैबी' की अधिक शराब पीने से मौत हो गयी थी। उसकी पुण्यतिथि के अवसर पर प्रत्येक वर्ष नशा मुक्त फुल मैराथन का आयोजन किया जाता है। यह मैराथन तीसरी बार आयोजित की गई। बेटे आकाश की नशे के कारण असामयिक मृत्यु ने कौशल किशोर को नशा मुक्ति के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने की प्रेरणा दी। उनके 'अभियान कौशल का' के तहत यह मैराथन युवाओं को नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवन अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कौशल किशोर ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि देश का कोई भी बेटा या बेटी नशे की चपेट में न आए।
इस मैराथन में शामिल हजारों धावकों ने नशा मुक्त समाज के निर्माण का संकल्प लिया। आयोजन के दौरान नशे के दुष्प्रभावों और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर चर्चा की गई। यह दौड़ केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि सामाजिक जागरूकता और नशा मुक्ति के लिए एक प्रभावी मंच बन गई। धावकों और दर्शकों ने एक स्वर में नशे के खिलाफ आवाज बुलंद की और स्वस्थ, समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण का संदेश दिया।
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