बाप को ख़बर मिली बेटे की कोरोना से हुई मौत, हकीकत में जिन्दा निकला बेटा

बाप को ख़बर मिली बेटे की कोरोना से हुई मौत, हकीकत में जिन्दा निकला बेटा

Prakash prabhaw news

ब्यूरो रिपोर्ट 

बाप को ख़बर मिली बेटे की कोरोना से हुई मौत, हकीकत में जिन्दा निकला बेटा


कोरोनावायरस को लेकर पूरे देश में सभी लोग खौफजदा हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का एक ऐसा कारनामा सामने आया कि एक पिता को ऐसी खबर भेज दी कि जिससे पिता सदमे में आ सकता था।और कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। पिता को खबर मिली है कि उसके बेटे की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई। 

लेकिन जब पिता शव को देखने गया तो पता चला कि वह उसकि बेटा है ही नहीं। वह शव किसी और का निकला। बता दें कि यूपी के संत कबीरनगर जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है। पुलिस विभाग ने एक पिता को फोन पर ये जानकारी दी कि अस्पताल में भर्ती उनके बेटे की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। 

पिता अपने बेटे का शव देखने के लिए बताया गया स्थान पर पहुंच गया और कुछ ही देर बाद मृतक का शव सील पैक होकर पिता के सामने पहुंच गया। रात भर घरवाले और गांव के उनके बेटे के मौत का मातम मनाते रहे। लेकिन सुबह जब पिता अपने दूसरे बेटे के साथ शव लेकर अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा और शव जलाने से पहले जैसे ही पिता ने मृतक बेटे का चेहरा देखने के लिए शव को खोला तो पिता और पुलिस के होश उड़ गए।

क्योंकि मृतक उनका बेटा था ही नहीं,बल्कि वह दूसरे कोरोना मरीज का शव था। यह पूरा मामला जनपद संत कबीर नगर के महुली थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव का है। जब इसी गांव के रहने वाले कुमार (बदला हुआ नाम) के घर सुबह पुलिस का फोन आता है कि बस्ती कैली में भर्ती आपके बेटे की मौत हो चुकी है। 

उसका शव आपके घर पर भेजा जा रहा जिसके बाद आपको उसकी अंत्येष्टि के लिए बिड़हर घाट पर पहुंचना है। वही बेटे की मौत की ख़बर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। जबकि रात मे ही घर वालों से बेटे की बात हुई थी। 

रोता बिलखता पिता अपने दूसरे बेटे के साथ अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा और कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार के लिए पिता बेटे को अग्नि देने के लिए आगे बढ़ा। पहले तो मृतक की बॉडी को देखकर पिता को कुछ शक हुआ और बेटे का चेहरा देखने की बात कही लेकिन जैसे ही पिता ने मृतक का चेहरा देखा तो पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं।


 क्योंकि मृतक उनका बेटा नहीं बल्कि धर्मसिंहवां थाना क्षेत्र का रहने वाला एक युवक था। कुछ दिन पहले ही मुंबई से बस्ती में आया था और उसकी तबीयत खराब होने की वजह बस्ती के कैली अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव भी आई थी उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। 

दरअसल दोनों युवकों का एक ही अस्प्ताल में इलाज चल रहा था मृतक युवक का बेड कुमार (बदला हुआ नाम)  के बेड के नजदीक था। अपर पुलिस अधीक्षक असित श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना से मौत की सूचना मिली थी।  कैली अस्पताल बस्ती से हमें जो प्राथमिक सूचना प्राप्त हुई थी। हमको उसमें मृतक का नाम कुमार (बदला हुआ नाम) बताया गया था जोकि थाना महोली का रहने वाला है। 

डेड बॉडी को कैली अस्पताल से पूरी तरीके से सील बंद करके शव वाहन के जरिए गांव लाया गया परिजनों को शव के आकार प्रकार देखकर कुछ संदेह हुआ और उसका मुंह खोल कर देखा तो वास्तव में मृतक उनका बेटा नहीं था। उसके बाद इसे संशोधित करते हुए डेड बॉडी को शव वाहन से उसके अपने पैतृक गांव में पहुंचाया गया। 

दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग भी पूरे मामले से ख़ुद को बचाने की कोशिश में लगा हुआ। इसे महज़ कंफ्यूजन वाली बात कहकर मामले को हल्के में लेकर जांच कराने की बात  कर रहा है। डिप्टी सीएमओ डॉक्टर मोहन झा का कहना है कि अभी इस पर जांच चल रही है।

इसके लिए एक टीम गठित की गई है लेकिन कभी कभी कन्फ्यूजन हो जाता है। संत कबीर नगर के 2 मरीज थे,वहां पर कौन मरीज का कहां का था मरीजों के लेबल को लेकर थोड़ी सी कन्फ्यूजन पैदा हो गई। इसके बाद भी इस पूरे मामले की जांच चल रही है। जांच में आरोपी पाया जाएगा या नहीं उस पर कार्रवाई की जाएगी या नहीं? यह प्रश्नवाचक चिन्ह बना है।

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