ब्रज क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन ने पकड़ी ऐतिहासिक रफ्तार, 2017 से हुए विकास कार्यों का दिखा असर: मंत्री जयवीर सिंह

ब्रज क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन ने पकड़ी ऐतिहासिक रफ्तार, 2017 से हुए विकास कार्यों का दिखा असर: मंत्री जयवीर सिंह

ब्रज क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन ने पकड़ी ऐतिहासिक रफ्तार, 2017 से हुए विकास कार्यों का दिखा असर: मंत्री जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने ब्रज की धार्मिक उपलब्धियों पर दिया जोर, बोले- 2024 में 10 करोड़ से अधिक पर्यटक आए।

​विकास परिषद् के गठन के बाद मंदिर संरक्षण, कुण्डों के पुनर्विकास और सुविधाओं में आई तेज़ी; कॉरिडोर को साधु-संतों से मिल रही गति।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दावा किया है कि ब्रज क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन ने 2017 के बाद विकास कार्यों में आई तेज़ी के चलते ऐतिहासिक रफ्तार पकड़ ली है। मंत्री ने लखनऊ के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक वीडियो संदेश में यह बात कही।

​मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ब्रज की होली और रंगोत्सव में हर साल करीब 35 लाख सैलानी पहुंचते हैं, जबकि वर्ष 2024 में अकेले मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में 10 करोड़ से ज्यादा पर्यटकों का आगमन हुआ, जिनमें डेढ़ लाख से अधिक विदेशी पर्यटक शामिल थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सिर्फ छह महीनों में उत्तर प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक पर्यटक आए हैं, जिसमें ब्रज क्षेत्र की बड़ी भूमिका रही है।

समग्र विकास पर ज़ोर

​ब्रज क्षेत्र के निवासी मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सरकार मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव जैसी भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थलियों के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। 2017 में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गठन के बाद मंदिर संरक्षण, प्राचीन कुण्डों के पुनर्विकास, घाटों के सौंदर्यीकरण, सड़क, प्रकाश व्यवस्था और पर्यटक सुविधाओं से जुड़े कई कार्य पूरे हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि ब्रज होली महोत्सव और कृष्णोत्सव जैसे आयोजन अब बड़े स्तर पर किए जा रहे हैं। साधु-संतों और गिरि पीठों के समन्वय से मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर को भी नई गति मिल रही है।

ग्रामीण पर्यटन और निवेश

​इस कार्यक्रम में उपस्थित पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आगरा और हाथरस समेत कई जिले इस सांस्कृतिक दायरे में आते हैं। उन्होंने बताया कि ब्रज की बोली, भाषा और होली विश्वभर में अद्भुत मानी जाती है, और जैत गांव जैसे स्थानों पर तुलसी माला, रासलीला व स्थानीय कला के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन की पहचान भी मजबूत हो रही है, जो लोगों की आजीविका का साधन बन रही है।

​प्रमुख सचिव ने जानकारी दी कि क्षेत्र में 157 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनमें से 108 पूरी हो चुकी हैं। कुण्डों के पुनर्जीवन और हेरिटेज संरक्षण के कार्य तेज़ी से चल रहे हैं, जिसके चलते बड़े औद्योगिक समूह भी निवेश में रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोड कनेक्टिविटी और मल्टी-लेवल पार्किंग से बरसाना, गोकुल और अन्य प्रमुख स्थलों पर अब भीड़ नियंत्रण आसान हुआ है। आगरा में बन रहा छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम भी वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बनेगा, जिसमें ब्रज की संस्कृति प्रदर्शित की जाएगी। इसके साथ ही 84 कोसी परिक्रमा मार्ग और छोटे-बड़े मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम तेजी से जारी है।

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