भुखमरी की कगार पर नक्काशी

भुखमरी की कगार पर नक्काशी

PPN NEWS

रायबरेली

भुखमरी की कगार पर नक्काशी

रिपोर्ट-अभिषेक बाजपेयी

कहते है प्रतिभा किसी तारीफ की मोहताज नही होती है वो ख़ुद ब खुद निखर कर सामने आ जाती है ऐसे ही प्रतिभा के धनी रायबरेली जनपद के महराजगंज के छोटे से गांव थुलवासा के रहने वाले मोहम्मद मुश्ताक़ ने कर दिखाया है। बोन कार्विंग व वुड कार्विंग में नक्काशी का कार्य करके एक मुकाम हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। जिसकी तारीफ रायबरेली के लोग ही नही बल्कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ केंद्र सरकार भी कर चुकी है।

राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार द्वारा इस प्रतिभा के धनी मो० मुश्ताक़ को कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। लखनऊ में आयोजित वन डिस्ट्रिक्ट वन पोडेक्ट कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुँचे रायबरेली जिले के मो०मुश्ताक़ ने अपनी वुड कार्विंग और बोन कार्विंग से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी स्टॉल की ओर  लुभाने में कामयाब जरूर रहे यही कारण है कि लगभग 5 मिनट तक स्टाल पर रुके और इस कारीगरी के साथ ही साथ रायबरेली जिले कि जमकर तारीफ की। 

लकड़ी व ऊंट की हड्डी पर किये गए नक्कासी के इस सुंदर और बारीक काम को देखकर आप सोच में जरूर पड़ जाएंगे कि कोई इस तरह के काम को अपने हाथों से कैसे कर सकता है। पिछले लगभग 50 सालों से लकड़ी व ऊंट की हड्डियों पर अपनी कलाकारी दिखाने वाले रायबरेली के थुलवासा निवासी मो० मुश्ताक़ का परिवार आज भुखमरी के कगार पर पहुँच चुका है। बड़ा बेटा पिछले कई वर्षों से कैंसर से पीड़ित है जिसका इलाज राजधानी लखनऊ के पीजीआई से चल रहा है।

बोन कार्विंग व वुड कार्विंग के गुरु मो० मुश्ताक़ ने बताया कि नक्काशी के कार्य अब धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है क्योंकि लकड़ी व हड्डी पर नक्काशी का कार्य करना बहुत ही मुश्किल होता है इसमें बड़ी सावधानियों का ध्यान देना होता है। लड़की पर नक्काशी के कार्य से डिजाइन बनाने में काफ़ी लम्बा समय लगता है और इससे तैयार डिजाइन की उचित क़ीमत भी नही मिलती है। जिससे परिवार चलाना बहुत ही मुश्किल है। अगर आने वाले समय मे सरकार से इस कार्य को बढ़ाने में मदद मिल जाये तो इस नक्काशी का काम करके एक उपाधि जरूर प्राप्त की जा सकती है। 

बिस्तर पर पड़े व्यक्ति को गौर से देखिए ये कोई और नही बल्कि अपने नक्काशी के कार्य से पूरे देश में अपनी छाप छोड़ने वाले मो० मुश्ताक़ का बेटा है जो कैंसर से पीड़ित है पैसों के अभाव से उचित इलाज़ न मिलने के कारण आज अपनी आखिरी साँसे गिन रहा है वही 85 साल की उम्र में नक्काशी जैसे बारीक काम करके अपने बेटे का इलाज़ व परिवार का पालन पोषण करने वाले मो०मुश्ताक़ अपनी एक आंख भी खो चुके है। घर की हालत देखकर इसका अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि एक समय मे नक्काशी का कार्य करने वाले बोन कोर्विंग व वुड कोर्विंग के गुरु कहे जाने वाले मो० मुश्ताक़ का परिवार भूख से मरने की कगार पर पहुँच गया है। केंसर जैसी बीमारी से झूझ रहे बेटे के इलाज के मो० मुश्ताक़ ने सूबे के मुखिया से गुहार लगायी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेढ़ लाख रुपये देकर थोड़ी उम्मीद की रोशनी जरूर जगा दी है। 

लखनऊ में आयोजित वन डिस्ट्रिक्ट वन पोडेक्ट में भाग लेने पहुँचे मो० मुश्ताक़ की मदद के लिए साथ गए 7 साल के नाती को देख सीएम योगी आश्चर्य में पड़ गए और बच्चे से पढ़ाई और स्कूल के बारे में पूछने गए बच्चे के बताने के बाद मन लगाकर पढ़ाई करने की बात कहकर आगे चले गए लेकिन जिस तरह के हालात घर के है उसको देखते हुए आगे पढ़ाई करना मुश्किल लग रहा है लेकिन छोटी से उम्र में मुख्यमंत्री से मिलकर छोटा सा मो० जीशान बहुत ख़ुश जरूर है।

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