नहीं थम रहे सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे, शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई

नहीं थम रहे सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे, शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई

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नहीं थम रहे सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे, शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई


मनबढ़ अवैध कब्जेदारों के हौसले बुलंद


लखनऊ।


सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ राजस्व विभाग हमेशा कड़ी कार्रवाई करने का दावा करता है। लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद नियमों के पालन में सख्ती का अभाव होने से अब तक राजस्व को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

इसी प्रशासनिक हीलाहवाली के चलते सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाए बैठे अवैध कब्जेदारों के हौसले बुलंद हैं। जबकि शासन की ओर से हमेशा यह दावा किया जाता है कि यदि सरकारी जमीन पर कोई अतिक्रमण करता है तो उसके खिलाफ महज कागजी कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि अब प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

लेकिन मोहनलालगंज में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें आराजी संख्या 320 पर स्थित चकमार्ग को एक मनबढ़ व्यक्ति द्वारा जबरन कब्जा कर पक्का निर्माण किया जा रहा है जिसकी शिकायत उपजिलाधिकारी से लेकर तहसीलदार व राजस्व कर्मचारियों तथा जन सुनवाई पोर्टल तक में भी की गई।लेकिन राजस्व कर्मचारियों की हीलाहवाली के चलते मनबढ़ युवक द्वारा उस सरकारी जमीन पर पक्का निर्माण भी करा लिया गया है। इतना ही नहीं अपने मकान के बगल खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा कर स्लैब डालने की फिराक में है साथ ही सरकारी रास्ते में खड़े दशकों पुराने यूकेलिप्टस के पुराने पेड़ों को अपना बता कर कटवा लिया गया है जिसके अवशेष अभी भी देखे जा सकते हैं। लेकिन शिकायत के बावजूद भी प्रशासन द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

मामला मोहनलालगंज के मुरलीनगर का है जहाँ सरकारी चकमार्ग पर कब्जा किये जाने की शिकायत बीते 09 जून 2022 को गोमतीनगर विराम खण्ड तीन में रहने वाले राजीव मिश्रा एडवोकेट ने उपजिलाधिकारी मोहनलालगंज शुभी सिंह से की थी कि उनकी मोहनलालगंज के मुरलीनगर में स्थित भूमि गाटा संख्या 337 रकबा 0.2460 हेक्टेअर के बगल स्थित आराजी गाटा संख्या 320 जो कि सरकारी अभिलेखों में चकमार्ग दर्ज है उस पर मुरलीनगर के रहने वाले नीरज मिश्रा पुत्र रामशंकर मिश्रा द्वारा अवैध कब्जा करके सरकारी रास्ता/चकमार्ग पर पक्का निर्माण कराया जा रहा है।

जिससे उन्हें अपने खेत और मकान में आने जाने में असुविधा होगी। उन्होंने उपजिलाधिकारी से लिखित शिकायत कर उक्त सरकारी रास्ते/ चकमार्ग  की नाप कराने की गुहार लगाई गई थी। जिस पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी ने तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा को उक्त मामले की जांच कराकर कार्रवाईकिये जाने का आदेश दिया गया था।

जिसके बाद 15 जून 2022 को तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा द्वारा राजस्व निरीक्षक को पूरे मामले की जांच कर आख्या देने के निर्देश दिए गए थे लेकिन राजस्व निरीक्षक द्वारा जांच के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की गई है।

इसी बीच मनबढ़ नीरज मिश्रा ने आराजी संख्या 319 में बने मकान के बगल स्थित खाली पड़ी सरकारी जमीन पर चार फिट चौड़ा और 50 फिट गहरी जमीन पर कब्जा कर लिया है जिस पर स्लैब डालने की फिराक में है साथ ही नीरज द्वारा अपने मकान के बगल सरकारी रास्ते में लगे दशकों पुराने यूकेलिप्टस के पेड़ों को अपना बताकर कटवा लिया गया जिसके अवशेष अभी भी मौके पर मौजूद हैं।

जबकि उक्त मामले की शिकायत बीते 15 जून 2022 को जनसुनवाई पोर्टल पर भी की गई थी जिसकी संदर्भ संख्या (40015722042626) है लेकिन उसके बावजूद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ऐसा तब हो रहा है जबकि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा सरकारी भूमि पर अनधिकृत कब्जों की बढ़ती हुई प्रवृति को कठोरता से रोके जाने के लिए लगातार अधिकारियों/कर्मचारियों को आदेश जारी किए जा रहे हैं।

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