डॉ भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस के साथ में किसान नेता रघुनाथ को दी गई श्रद्धांजलि
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- Updated: 7 December, 2021 09:58
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नगराम संवाददाता सुनील मणि
नगराम में मनाया गया डॉ भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस, साथ में किसान नेता रघुनाथ को दी गई श्रद्धांजलि
नगराम लखनऊ, नगराम क्षेत्र के ग्राम पंचायत गढा मजरा अमजादपुर में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किए गए और उनको याद किया गया। साथ में असलम नगर निवासी किसान नेता रघुनाथ को ग्रामीणों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान सुनील कुमार पटेल सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को आज भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व में लोग जानते हैं। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री भारतीय संविधान के जनक एवं भारतीय गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। इनका जन्म 14 अप्रैल 18 सौ 91 को मध्यप्रदेश में हुआ था आज ही के दिन 6 दिसंबर 1956 को इनकी मृत्यु हुई थी।
भारत सरकार द्वारा इनको 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था। इनके जीवन परिचय में देखा जाए तो अत्यधिक कठिनाइयों का सामना इन्होंने झेला है। इस प्रकार यह अपरिहार्य हो जाता है कि ऐसे गुण व्यक्तित्व को उनकी पुण्यतिथि पर सर्वोच्च श्रद्धांजलि दी जाए । उन्होंने अपने जीवन काल में अस्पृश्य और दलितों और पिछड़ों को सम्मान दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। भारत के संविधान के महान वस्तुकार डॉक्टर बाबासाहेब को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए लोगों की आंखें नम हो गई। उनके महापरिनिर्वाण दिवस में गांव के सुरेश रामनरेश कोटेदार सहित पत्रकार सुनील मणि रवि यादव उपस्थित रहे। सभी लोगों ने किसान नेता रघुनाथ को श्रद्धांजलि देकर उनको याद किया । उनके योगदान से गांव में ₹37000 की लागत से बाबा साहेब की प्रतिमा लगवाने में महान भूमिका निभाई थी । 23 अक्टूबर को उनकी अकस्मिक मृत्यु हो गई। गांव को लोगों ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए याद किया। बाबा साहेब भीमराव अमर रहे रघुनाथ नेता अमर रहे के नारे लगाए किसान नेता रघुनाथ दलित समाज से जुड़े होने के कारण दलितों को अग्रेषित करने का कार्य हमेशा किया करते थे।
दलितों के लिए समान अधिकार की आवाज उठाने में हमेशा आगे रहते थे । किसानों की समस्याओं के लिए लड़ा करते थे।ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रमों को देखकर क्षेत्र के लोगों में एक नई सोच जागरूक हुई। साथ में शिक्षामित्र राम अवध ने बताया परिनिर्वाण शब्द का बौद्ध परंपराओं में गहरा अर्थ है और उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जिसने अपने जीवन काल में और मृत्यु के बाद निर्वाण प्राप्त किया है । 6 दिसंबर को समाज उनकी उपलब्धियों के लिए उनके योगदान की स्मृति में मनाया जाता है । एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी अंबेडकर ने जवाहरलाल नेहरू और गांधी जी के साथ मोर्चे का नेतृत्व किया और समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । अंबेडकर ने दलित बौद्ध अभियान को आगे बढ़ाया और उनके समान मानव अधिकारों और बेहतरी के लिए अथक प्रयास के इसलिए यह समाज उनको हमेशा याद करता रहेगा।
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