करोड़ों की लागत से लगे एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर पर उठे सवाल, हवा साफ नहीं हो रही है

करोड़ों की लागत से लगे एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर पर उठे सवाल, हवा साफ नहीं हो रही है

(काल्पनिक फोटो) 

PPN NEWS

नोएडा

Report- Vikram Pandey 

करोड़ों की लागत से लगे एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर पर उठे सवाल, हवा साफ नहीं हो रही है 


पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने सेक्टर-16ए फिल्म सिटी की ग्रीन बेल्ट में लगे एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर पर सवाल उठाए हैं। विक्रांत ने दावा किया है कि यहां पर हवा साफ नहीं हो रही है। उन्होंने बुधवार को एक विशेषज्ञ के साथ मिलकर हवा की टेस्टिंग की। एयर क्वालिटी मापने की एक पोर्टेबल एयर  मॉनिटरिंग डिवाइश से कंट्रोल टावर के एक किलोमीटर क्षेत्र में खड़े होकर परीक्षण किया। टावर परिसर में भी गए। लेकिन हवा साफ नहीं मिली। इस मामले में प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि इस टावर को बीएचईएल ने लगाया है। शुरुआती परिणाम आने में एक महीने का समय लगेगा।


नोएडा प्राधिकरण ने भेल के साथ मिलकर प्रदूषण को थामने के लिए प्रदेश का पहला एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर स्थापित कर लोगों को राहत देने का दावा किया था. इस एयर पोलूशन कंट्रोल टावर का उद्घाटन भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे और राज्यमंत्री विद्युत और भारी उद्योग श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने किया. एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सेक्टर 16 फिल्म सिटी और डीएनडी के बीच हरित क्षेत्र की जमीन पर स्थापित किए गए एयर पोलूशन कंट्रोल टावर से एक किलो वर्ग मीटर में हवा को शुद्ध किया जा सकेगा. इसके लिये भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया था. उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा था ये हमारे भारी उद्योग इकाई भेल के द्वारा शुरू किया गया है. उन्होने इसे नोएडा और आसपास के क्षेत्र  के लिये कारगर पहल बताया था. नोएडा के पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर पर सवाल उठाए हैं। विक्रांत ने दावा किया है कि यहां पर हवा साफ नहीं हो रही है।  

विक्रांत का कहना है कि उद्घाटन से पहले ही बारे में हम लोगों ने इसके बारे आवाज उठानी शुरू कर दी  थी क्वालिटी को सुधारने के लिए जो टावर लगाए जा रहे हैं यहां पर कारगर नहीं है.  दुनिया के कई देशों में इसका अभी परीक्षण चल रहा है.  उसके बावजूद भी चार पांच करोड रुपए खर्च करके नोएडा अथॉरिटी ने बीएचईएल ने सीएसआर यह प्रोजेक्ट लगाया है लेकिन यह लोगों के लिए आई-वास से कम नहीं है. इस मामले में प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि इस टावर को बीएचईएल ने लगाया है। शुरुआती परिणाम आने में एक महीने का समय लगेगा।

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