कानपुर के प्राचीन भपका परफ्यूम शिल्प और रंगीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पेरिस में यूपी को आकर्षण का केंद्र बना दिया

कानपुर के प्राचीन भपका परफ्यूम शिल्प और रंगीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पेरिस में यूपी को आकर्षण का केंद्र बना दिया

PPN NEWS

  • IFTM  टॉप रेसा 2025: पेरिस एक्सपो में छाया उत्तर प्रदेश पर्यटन, ताज महल, परफ्यूम और इको टूरिज्म से मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
  • IFTM टॉप रेसा 2025 में दिखा उत्तर प्रदेश का वैभव, यूरोप के साथ सांस्कृतिक संबंध को मिली नई पहचान- जयवीर सिंह


लखनऊ/पेरिस, 26 सितंबर 2025


उत्तर प्रदेश पर्यटन ने इंटरनेशनल एंड फ्रेंच ट्रैवल मार्केट (आईएफटीएम टॉप रेसा 2025) में शानदार भागीदारी कर राज्य की संस्कृति, विरासत और पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया। पेरिस एक्सपो पोर्टे डे वर्साइलीज़ में लगे राज्य के स्टॉल को दर्शकों ने आकर्षक बताया। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कन्नौज की पारंपरिक इत्र निर्माण कला और यूपी के इको-टूरिज्म आकर्षण का केंद्र रहे। उन्होंने कहा, यह उत्तर प्रदेश की संस्कृति, विरासत और पर्यटन क्षेत्र की वैश्विक पहचान को और सुदृढ़ करेगा।


भारतीय दूतावास के आर्थिक एवं वाणिज्यिक काउंसलर नवीन कुमार ने यूपी पवेलियन का औपचारिक उद्घाटन किया। स्टॉल पर कई अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति, ट्रैवल ट्रेड लीडर और पर्यटन विशेषज्ञ पहुंचे, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के साथ साझेदारी और सहयोग के नए अवसरों में गहरी रुचि दिखाई।


पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'पेरिस में लगे उत्तर प्रदेश पवेलियन में कानपुर का परफ्यूम टूरिज्म सबसे बड़ा आकर्षण रहा। अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों ने इस पारंपरिक कला को बड़े उत्साह के साथ देखा और सराहा। प्राकृतिक खुशबू बनाने की सदियों पुरानी ‘डेग-भपका’ तकनीक के लाइव प्रदर्शन ने दर्शकों को पूरी तरह मंत्रमुग्ध कर दिया। फूलों और जड़ी-बूटियों से तैयार की जाने वाली इस पारंपरिक विधि ने कानपुर को भारत की परफ्यूम राजधानी के रूप में विश्व मानचित्र पर स्थापित किया। इस प्रस्तुति ने पर्यटकों को एक अनोखा और यादगार अनुभव दिया, जिससे कानपुर को वैश्विक यात्रियों के लिए एक विशेष और आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश किया गया।'


पेरिस में उत्तर प्रदेश पवेलियन में इको टूरिज्म और विरासत को विशेष रूप से उजागर किया गया। पवेलियन में ताज महल, लखनऊ की नवाबी धरोहर और बुंदेलखंड के किले भारत की भव्यता के स्थायी प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किए गए। साथ ही अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, प्रयागराज, वाराणसी और बौद्ध सर्किट जैसे आध्यात्मिक मार्गों ने उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक गहराई को दर्शाया, जिससे राज्य को भारत के आध्यात्मिक पर्यटन का हृदय साबित किया।


यूपी पवेलियन में कथक, कजरी और देधिया जैसे रंगीन सांस्कृतिक नृत्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और यादगार पल बनाए। इसके साथ ही, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल ऑपरेटर और होटल व्यवसायियों के साथ बीटूबी बैठकें भी आयोजित की गईं, जिससे विरासत, तीर्थ यात्रा, इको टूरिज्म और लग्जरी ट्रैवल क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग और व्यावसायिक अवसरों के रास्ते खुले।


पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, 'आईएफटीएम टॉप रेसा 2025 में उत्तर प्रदेश की भागीदारी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हमारा राज्य सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और अनुभव आधारित पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी है। पेरिस में हमारे पवेलियन को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों और पर्यटन विशेषज्ञों से अपार सराहना मिली। कानपुर के परफ्यूम टूरिज्म, ताज महल, बौद्ध सर्किट और हमारी जीवंत परंपराएं जैसे देव दीपावली, ताज महोत्सव और आगामी अयोध्या दीपोत्सव ने राज्य की विविधता और वैभव को पूरी दुनिया के सामने पेश किया। यह हमारे पर्यटन क्षेत्र के लिए नए सहयोग और व्यावसायिक अवसरों के दरवाजे खोलने का एक सुनहरा अवसर है। हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक यात्रियों के लिए अनिवार्य गंतव्य के रूप में स्थापित किया जाए, ताकि वे यहाँ के असली भारतीय अनुभव का आनंद ले सकें।'


आईएफटीएम टॉप रेसा 2025 में उत्तर प्रदेश की भागीदारी ने राज्य की वैश्विक पहचान और दृश्यता को मजबूत किया। यह राज्य अब सांस्कृतिक और अनुभव आधारित पर्यटन का प्रमुख गंतव्य बनकर उभरा। कानपुर का परफ्यूम टूरिज्म इस प्रस्तुति का मुख्य आकर्षण रहा, जबकि ताज महल और बौद्ध सर्किट जैसे धरोहर स्थल भी अंतरराष्ट्रीय दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रहे।


स्टॉल पर आयोजित बीटूबी बैठकों ने लंबी अवधि के सहयोग और व्यावसायिक अवसरों की नींव रखी, जिससे पेरिस में दिखाए गए वैभव का वास्तविक पर्यटन विकास में रूपांतरण संभव होगा। उत्तर प्रदेश ने अपनी जीवंत परंपराओं जैसे देव दीपावली, ताज महोत्सव और आगामी अयोध्या दीपोत्सव को भी उजागर किया। साथ ही, दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर हवाई अड्डों के माध्यम से सुगम अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को भी हाइलाइट किया, जिससे राज्य वैश्विक यात्रियों के लिए असली भारतीय अनुभव का अनिवार्य गंतव्य बन गया।

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