कोरोना वायरस से लड़ रहे ‘योद्धाओं’ को सशक्त बनाएंगे देशभर के आयुर्वेदाचार्य
 
                                                            Prakash Prabhaw News
प्रयागराज।
कोरोना वायरस से लड़ रहे ‘योद्धाओं’ को सशक्त बनाएंगे देशभर के आयुर्वेदाचार्य
 भारत सहित विश्वभर में कहर बरपा रहे कोविड-19 संक्रमण से लड़ रहे योद्धाओं- चिकित्सकों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों, मीडियाकर्मियों आदि की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के उद्देश्य से रसायन पर चर्चा के लिए देशभर से आयुर्वेदाचार्य वेबिनार के माध्यम से रविवार को एक मंच पर एकत्र होंगे।
विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष प्रोफेसर जी.एस. तोमर ने ‘ बताया कि आरोग्य भारती के बैनर तले रविवार को वेबिनार के माध्यम से होने वाली इस चर्चा का विषय है: आयुर्वेद में रसायन की भूमिका। इस आयोजन का उद्देश्य कोरोना वायरस और अन्य प्रकार के वायरस से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे मजबूत बनाई जा सके, इस पर चर्चा करना है।
उन्होंने बताया कि इस वेबिनार के लिए 200 से अधिक आवेदन आए हैं, लेकिन पहली सीरीज के लिए देशभर से 100 आयुर्वेदिक डॉक्टरों का पंजीकरण किया गया है। ये डॉक्टर इस परिचर्चा में हासिल जानकारी के आधार पर अपने-अपने क्षेत्र में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर काम करेंगे।
तोमर ने कहा कि वर्तमान में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ताकि लोग इस बीमारी से कम से कम प्रभावित हों और यदि प्रभावित हों तो भी उनके शरीर में जटिल या गंभीर समस्या पैदा न हो। आयुर्वेद में रसायन के संबंध में जेरोन्टोलॉजी एक बहुत बड़ा विज्ञान है जिसमें लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बारे में बताया गया है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का मानना है कि बैक्टेरिया या वायरस तब तक रोग उत्पन्न नहीं कर सकते जब तक कि मानव शरीर उनके अनुकूल न हो। यानी जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनमें वायरस के पनपने की संभावना अधिक होती है।
उन्होंने बताया कि वेबिनार में अलग-अलग विषयों पर आठ-नौ विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे जिसके बाद 100 डाक्टर अपने प्रश्न पूछ सकेंगे और प्राप्त जानकारी से जन सामान्य के अलावा कोरोना वायरस को काबू करने में मदद करने योद्धाओं को भी लाभ पहुंचा सकेंगे।
कोविड-19 के संबंध में तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस के कई ऐसे मरीज मिल रहे हैं जिनमें वायरस तो है, लेकिन लक्षण नहीं है और एक तरह से ऐसे मरीज संवाहक (कैरियर) हैं। इसका कारण यह है कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ऐसी है कि कोरोना वायरस होने के बावजूद उनमें लक्षण नहीं मिल रहे हैं। आयुष मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श का यदि लोग नियमित तौर पर पालन करें तो उन्हें इस बीमारी से बचने में काफी मदद मिलेगी।
 
                                                                    
 
                                                         
                                                                 
                                                                 
                                                                 
            
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