कुंभ मेले में फर्जी कोविड टेस्ट के बाद कॉन्ट्रैक्ट पाने वाली प्राइवेट एजेंसी जांच के घेरे में आई

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
नोयडा
रिपोर्ट - विक्रम पांडेय
कुंभ मेले में फर्जी कोविड टेस्ट के बाद कॉन्ट्रैक्ट पाने वाली प्राइवेट एजेंसी जांच के घेरे में आई, उसके तार नोएडा से जुड़े है
उत्तराखंड में कुंभ के दौरान हुए कोरोना टेस्ट के फर्जीवाड़े के तार नोएडा से जुडते नज़र आ रहे है। कोविड टेस्ट के लिए कॉन्ट्रैक्ट पाने वाली प्राइवेट एजेंसी जो जांच के घेरे में आई है। उस कंपनी की वेबसाइट पर पता नोएडा सेक्टर-63 की एक बिल्डिंग का दर्ज है। लेकिन ऑफिस के नाम पर वहां केवल एक टिन शेड पड़ी दिखी। जितने फोन नंबर दिए गए थे, वे सभी सेवा में नहीं थे। अब कोरोना टेस्ट के फर्जीवाड़े में सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने कोविड टेस्ट घोटाले में आरोपी कंपनियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार में 5 स्थानों पर परीक्षण करने वाली दिल्ली और हरियाणा की प्रयोगशालाओं के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश जारी हुआ है।
नोएडा के सैक्टर 63 स्थित सी-206 का पता कंपनी की वेबसाइट पर अकित है लेकिन इस पते केवल एक टिन शेड में एआरबी इंटरप्राइजेस नाम से प्लास्टिक के समान बनाने की फैक्ट्री चल रही है कंपनी की वेबसाइट जितने फोन नंबर दिए गए थे, वे सभी सेवा में नहीं है। जब यहाँ चल रही फ़ैक्ट्री के अधिकारी से बात कि गई तो उनका कहना था एआरबी इंटरप्राइजेस नाम उनकी कंपनी काम कर रही है।
इस पर कंपनी ने सफाई दी है गलत अड्रेस को मानवीय गलती करार दिया। वहीं गलत फोन नंबर की वजह फर्म का पुराना लेटरहेड सबमिट किया जाना बताया। और कहा है कि 'हमने दो साल पहले ही ऑफिस को बंद कर दी लेकिन वेबसाइट पर अभी भी पुराना अड्रेस ही शो कर रहा है।'उन्होंने टेस्ट घोटाले पर कहा, हम राज्य की जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे। सैंपल कलेक्शन और डेटा का काम दो प्राइवेट लैब्स ने किया था, जिनके साथ हमारी MoU थी। हम केवल मध्यस्थ की भूमिका में थे।
गौरतलब है कि कुंभ मेले में एक लाख फर्जी कोरोना टेस्ट कराए जाने का मामला सामने आया है। ये कथित टेस्ट 1 से 30 अप्रैल के बीच कुंभ मेले के दौरान उत्तमराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद किए गए थे। इस आदेश में कहा गया था कि हरिद्वार में हर रोज कम से कम 50 हजार टेस्टा किए जाएं। जांच में पाया गया कि नाम और पते फर्जी हैं। राजस्था न के छात्रों और निवासियों को टेस्ट् कलेक्टए करने वालों के तौर पर दिखाया गया था। लेकिन ये लोग कभी कुंभ में हिस्साछ लेने गए ही नहीं थे। बात अब तक जांच में सामने आई है।
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