सो रहे अधिकारी लेखपाल की मिलीभगत से भू माफिया कर रहे करोड़ों का घोटाला
- Posted By: Anil Kumar
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- Updated: 2 September, 2020 13:20
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प्रकाश प्रभाव न्यूज
कौशाम्बी । 2 सितम्बर 2020
रिपोटर-राहुल यादव पिपरी
सो रहे अधिकारी लेखपाल की मिलीभगत से भू माफिया कर रहे करोड़ों का घोटाला
निरस्त हुई पट्टे की भूमि को सस्ते दामों में खरीद कर भू माफिया करोड़ो की रकम घर भरने में लगे
कौशाम्बी चायल क्षेत्र के मोहम्मदपुर अस्वा ग्राम सभा की आराजी संख्या 846 से जुड़ा हुआ है यह आराजी संख्या ग्राम समाज के नाम पर हैं, इसी आराजी नंबर में निवासी मोहम्मदपुर अस्वा ग्राम सभा के विश्राम चौबे को कृषि पट्टा लगभग 1 बीघा दिया गया था कई वर्षों पहले, इसी आराजी नंबर में गांव के दर्जनों लोगों को आवास के नाम पर भी पट्टा दिया गया,भूमि कम, पट्टे ज्यादा, कृषि पट्टे व आवासीय पट्टे धारकों में जमकर हुवे विवाद के बाद मामला जिला अपर न्यायालय पहुँचा जहा पर जांच के बाद एक ही पट्टे को नियम विरूद्ध दो बार दिए जाने के वाले विश्राम चौबे को किया गया कृषि पट्टा तत्काल डीएम ने निरस्त कर दिया, निरस्त होते ही अगले हफ्ते विश्राम चौबे ने भू माफिया निवासी भरवारी लालचंद पुत्र सरजू प्रशाद के हाथों में सस्ते दामो में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया और अब माफियाओं के इशारे पर राजस्व की मिलीभगत से विश्राम चौबे को कब्जा दिलाने का हल्का राजस्व टीम ने ठेका ले लिया है, जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि जिस स्थान पर लेखपाल द्वारा पूर्व में विश्राम चौबे को भूमि दी गई थी वह नक्से अनुसार सही स्थान पर नहीं है,सन 2013 सपा शासनकाल में मूरतगंज मँझनपुर फोर लाइन गांव के इन नंबरों से होते हुए जब गुजरी तो गाटा संख्या 857 के ठीक पूर्व स्थित गाटा संख्या 858 कि उत्तरी पूर्वी सीमा का अधिग्रहण 160 वर्ग मीटर धारा 4-1 व धारा 6-1 की अधिसूचना के द्वारा किया गया है, वा तत्सम्बधि प्रविष्टि खाता संख्या 423 गाटा संख्या 496 में स्पष्ट रूप से की गई है व पीडब्ल्यूडी के नक्शे से स्पष्ट है कि उत्तरी पूर्वी सीमा स्पष्ट रूप से चार लाइन मार्ग से प्रभावित है, जिसको हल्का राजस्व टीम द्वारा बल्कि यह कहा जा रहा है की गाटा संख्या 858 मे दर्ज अधिग्रहण आदेश गलत स्थलीय माप के कारण दर्ज किया गया था जिसका प्रति करण संबंधित भूमिधर को अब तक प्रदान नहीं किया गया यदि इस बात को सत्य मान लिया जाए तब राज्य के उत्तरदाई राजस्व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों द्वारा अधिग्रहण के 7 वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद इस प्रविष्टि को निरस्त करवाने हेतु कोई विधिक कार्यवाही क्यों नहीं की गई जो राजस्व कर्मियों के द्वारा से प्रदर्शित करता है राजस्व निरीक्षक की टीम द्वारा माफ में की गई त्रुटियों संबंधी विस्तृत आपत्ती धारा 24 पत्रावली में की जा रही है,मूरतगंज मंझनपुर चार लेन मार्ग के बगल स्थित सभी भूमियों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं वह तहसील कर्मी इस भू माफिया के इशारे पर पट्टा कृत भूमियों का निरस्त करवाने के बाद इसके गुर्गे वह दलाल के नाम पर रजिस्टर्ड करार करवाते हुए बाद में अपील कर निरस्त आदेश की बहाली करवा कर मुफ्त में जमीन खरीद लेते हैं, इसकी जानकारी होने के बावजूद हल्का लेखपाल व राजस्व निरीक्षक भू माफिया के गैंग में शामिल होकर उनके पक्ष में रिपोर्ट लगाते हैं विश्राम द्वारा श्रेणी -2 का संक्रमणीय भूमिधर रहते हुए किया गया पंजीकृत विक्रय करार दिनांक 13-3-2020 पूर्णता शून्य व अवैध है, व जमीदारी विनाश अधि0 1950 की धारा -131 ख के अंतर्गत श्रेणी -2 / अ संक्रमणीय भूमिधर को भूमि के विक्रय का अधिकार नहीं है वह धारा 190- ग ग के अनुसार जिक्रे करार में निष्पादन की तिथि से संक्रमणीय भूमिधर के अधिकार समाप्त होकर समस्त करार ग्रस्त संपत्ति राज्य निहित तो हो गई किंतु हल्का लेखपाल व कानूनगो ने इस बात की लिखित सूचना राज्य निहित संबंधी कार्यवाही नहीं की जिस का स्पष्ट उल्लेख धारा 128 उ0 प्र0 रा0 सहिंता में दिया गया है, व पुनः विश्राम द्वारा निरस्त भूमि का विक्रय करार कर दिया गया किंतु इस बात की रिपोर्ट करने के बजाए हल्का राजस्व निरीक्षक व लेखपाल तहसीलदार को साथ लेकर विश्राम को मौके पर कब्जा दिलवाने व कास्तकारों को गाली गलौज व अभद्रता करते हैं मोहम्मदपुर अस्वा के मध्य से मूरतगंज मँझनपुर चार लेन मार्ग बना हुआ है जिस पर स्थित ग्राम सभा की प्रत्येक भूमि पर गुड्डू उर्फ अमित केसरवानी लेखपाल श्यामलाल मिश्रा व अन्य तहसील कर्मियों की सहायता से कब्जा करने हेतु विभिन्न प्रकार के षड्यंत्र रचता रहता है, व लेखपाल श्याम नारायण मिश्रा द्वारा इस कार्य का विरोध करने पर पत्रकार अमित तिवारी को हत्या करवाने की धमकी दी गई!
और विश्राम पुत्र चौबे द्वारा श्रेणी-2 का संक्रमणीय भूमिधर होते हुए निरस्त भूमिका पंजीकृत विक्रय करार करने वाले मामले की जांच समक्ष अधिकारी से हुई तो हल्का लेखपाल के उपर गाज गिरिनी तय, अब देखना यह है कि जिले के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच हो कर कार्रवाई होती है या ठंडे बस्ते मामले को रख कर रफा दफा कर दिया जाएगा लेखपाल के इस कारनामे से पीड़ित परिवार सदमे में हैं....
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