एटीएम बदलकर लोगों से ठगी करने वाला अंतरराजीय गैंग का पर्दाफाश

एटीएम बदलकर लोगों से ठगी करने वाला अंतरराजीय गैंग का पर्दाफाश

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Noida

Report- Vikram Pandey

एटीएम बदलकर लोगों से ठगी करने वाला अंतरराजीय गैंग का पर्दाफाश, 7 ठग गिरफ्तार , एटीएम, एक कार सहित करीब 4 लाख की नगदी बरामद


नोएडा कोतवाली 58 की पुलिस ने एटीएम कार्ड को बदलकर दो हजार से ज्यादा लोगों के खातों से करोड़ों रुपये निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर सात ठगों को गिरफ्तार किया है। इस अंतरराजीय गैंग को आज दोपहर में आईआईएम लखनऊ के पास स्टेट बैंक एटीएम, सैक्टर-62 गोल चक्कर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से कई करीब चार लाख की नगदी, एक्सेप्ट कार सहित विभिन्न कंपनी के साथ 107 एटीएम कार्ड बरामद की है। 


पुलिस की गिरफ्त में खड़े राकेश उर्फ अब्बास, मोहित, चंदन, राजीव, हरेंद्र, सौरभ और मनीष शातिर किस्म के ठग है। ये गिरोह एटीएम के पास डेबिट कार्ड बदलकर ठगी करता था। एडिशनल सीपी (लॉं एंड ऑर्डर ) लव कुमार ने बताया कि थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि सेक्टर-62 गोल चक्कर स्थित एक अंतरराज्यीय गिरोह के कई बदमाश ठगी की फिराक में खड़े हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 


एडिशनल सीपी ने बताया कि ये गैंग एटीएम में जाकर लोगों के डेबिट कार्ड बदलकर उनके खाते से रुपये निकाल लेते हैं। पुलिस ने आरोपियों से ठगी के 4.02 लाख, विभिन्न बैंकों के 107 डेबिट कार्ड, चोरी के 4 पर्स व एक कार बरामद की है। जांच के दौरान सामने आया है कि गिरोह पिछले करीब पांच साल से वारदात को अंजाम दे रहा था। गिरोह के तीन साथी अभी फरार है। उनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही हैं।

लव कुमार ने बताया गिरोह अधिकतर ऐसे एटीएम बूथ पर लोगों को निशाना थे जहां पर भीड़ कम होती थी। यहां पर आरोपी एटीएम से बंद होने की सूचना का पर्चा हटा देते थे। जब कोई ग्राहक पैसे निकालने आता था तो उसकी मदद करने के बहाने डेबिट कार्ड बदल कर समान बैंक का कार्ड उसे दे देते थे। फिर पीड़ित के खाते से रुपये निकाल लेते थे। पुलिस ने भी पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी मनीष जेब कतरा है। वह भीड़भाड़ में लोगों की जेब काट कर पर्स को चोरी करता है। फिर पर्स से डेबिट कार्ड निकालकर अपने साथी सौरभ व हरेंद्र को 400 से 500 रुपये में बेचता था। इसके अलावा आरोपी अन्य लोगों से भी पुराने डेबिट कार्ड खरीदते थे। फिर सौरव व हरेंद्र अपने बॉस आरोपी अब्बास व मोहित को कार्ड दे देते थे।

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