प्रयागराज में झोपड़ी से अगवा बच्ची की बरामदगी के लिए लगी थी 10 पुलिस टीम।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
रिपोर्टर : ज़मन अब्बास
सिटी : प्रयागराज
प्रयागराज में झोपड़ी से अगवा बच्ची की बरामदगी के लिए लगी थी 10 पुलिस टीम।
बच्ची की बरामदगी के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाल डाला था।
प्रयागराज कीडगंज थाना क्षेत्र के रामबाग रेलवे स्टेशन के बाहर से 14 अक्टूबर की देर रात अगवा की गई एक वर्ष की बच्ची की बरामदगी के लिए पुलिस की दस टीमें लगी थीं। इनके सामने चुनौती बड़ी थी, वह इसलिए कि बच्ची की फोटो तक पुलिस टीम के पास नहीं थी। एक तौर पर पुलिस को अंधेरे में रोशनी की तलाश करना था। पुलिस की सभी टीमों ने अलग-अलग एंगल पर काम शुरू किया। उच्च अधिकारी इसकी निगरानी करते रहे और फिर दस दिन में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लग गई। बच्ची को ही बरामद नहीं किया गया, बल्कि पांच लोगों को भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया गया।
एक सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस को दिखाई राह।
बच्ची की बरामदगी के लिए पुलिस ने रामबाग रेलवे स्टेशन के पास से लेकर अलोपीबाग चुंगी तक सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगाल डाला था। इसमें रिक्शा चालक को छोड़कर किसी का चेहरा नजर नहीं आ रहा था। घटना के करीब छह दिन बाद पुलिस की नजर घटनास्थल के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे पर पड़ी। इसकी फुटेज पुलिस पहले नहीं देख सकी थी। पुलिस ने इसकी फुटेज देखी तो उसे बच्ची तक पहुंचने का रास्ता मिल गया। फुटेज में रिक्शा चालक ही बच्ची को उठाते हुए नजर आया था।
कौन-कौन हुए हैं गिरफ्तार
बच्ची को अगवा करने के मामले में रिक्शा चालक नईम अली उर्फ बब्बू निवासी नहरपुर हंडिया, जमीला पत्नी जुम्मन निवासिनी नहरपुर हंडिया, राममूरत निवासी गोइया कला थाना बरगढ़ जनपद चित्रकूट, डा. रंजन गौतम और उनकी पत्नी वंदना गौतम निवासी आवास विकास कालोनी झूंसी शामिल हैं।
क्या था पूरा मामला
काेतवाली थानांतर्गत जानसेनगंज के रहने वाला मो. रिजवान अपनी पत्नी और बच्चाें के साथ रामबाग रेलवे स्टेशन के पास झाेपड़ी बनाकर रहता है। 14 अक्टूबर की देर रात उसकी एक वर्ष की पुत्री साना उर्फ शहाना को कोई उठा ले गया था। मामले में कीडगंज पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में पुलिस ने रिक्शा चालक नईम अली उर्फ बब्बू निवासी नहरपुर थाना हंडिया काे पकड़ा। उसने बताया कि आवास विकास कालोनी झूंसी के रहने वाले डा. रंजन गौतम की पत्नी वंदना गौतम की मुलाकात कुछ समय पहले हंडिया महिला चिकित्सालय में जमीला से हुई थी। वंदना ने जमीला से कहा कि उसका देवर चितरंजन गौतम नि:संतान है। जमीला ने कहा कि वह उनकी यह चिंता दूर कर सकती है, लेकिन 60 हजार रुपये लगेंगे। सौदा तय होने के बाद जमीला ने नईम रिक्शे वाले से बात की और फिर रामसूरत के साथ मिलकर 14 अक्टूबर की देर रात मो. रिजवान की एक वर्ष की पुत्री साना उर्फ शहाना को साेते समय उठा ले गए थे।
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