खखरेरू कस्बे में आईटीआई ,रोजगार प्रशिक्षण ,लघु एवं कुटीर उद्योग प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने की मांग

खखरेरू कस्बे में आईटीआई ,रोजगार प्रशिक्षण ,लघु एवं कुटीर उद्योग प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने की मांग
पी पी एन न्यूज
रिपोर्ट, कमलेन्द्र सिंह
खखरेडू/ फतेहपुर
खखरेरू कस्बे में क्षेत्रीय गांवो यथा खखरेरू, गुरगौला, भदौहां, सलवन, बरैचा, हरदासपुर शराफन, सैदपुर भूरूई, लोहारपुर,अढैया, घरवासीपुर, बसवा, पलवाहार इत्यादि गांवो के बेरोजगार एकत्र होकर के बेरोजगारी के मुद्दे पर एक सभा किया| उपस्थित बेरोजगारों ने कहा कि खखरेरू इस इलाके का एकलौता कस्बा है जिस पर लगभग 15 वर्ग किलोमीटर की जनता मुख्य रूप से हर प्रकार की सुविधा के लिए निर्भर है| परंतु इस कस्बे के साथ-साथ इस इलाके की जनता का दुर्भाग्य है कि आजादी के पहले से लेकर आज तक यहां पर या इन इलाकों में कोई भी सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में आईटीआई केंद्र, रोजगार प्रशिक्षण केंद्र, कौशल विकास केंद्र, लघु एवं कुटीर उद्योग प्रशिक्षण केंद्र ,सिलाई कढ़ाई केंद्र या अन्य रोजगार परक प्रशिक्षण केंद्र किसी की भी स्थापना नहीं हुई है| जिससे इन इलाकों में शिक्षित व अशिक्षित दोनों प्रकार की बेरोजगारी विद्यमान है| लोग गरीबी का जीवन जीने के लिए मजबूर हैं| हजरत अली ने कहा कि कृषि के अलावा और कहीं भी रोजगार का कोई दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं है| उन्होंने यह भी कहा कि कृषि का रोजगार मौसमी है अन्य दिनों में लोगों को आर्थिक तंगी में ही गुजर बसर करना पड़ता है| राकेश कुमार व अन्य बेरोजगारों ने एक सुर में यह बात कही की घरवालों व अपने लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने के लिए लोगों को पंजाब गुजरात ,मुंबई ,सूरत आदि शहरों में जाना पड़ता है| बेरोजगारों ने यह भी कहा कि क्षेत्र में कोई रोजगार परक प्रशिक्षण केंद्र ना होने के कारण लोगों के पास किसी प्रकार के रोजगार का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नहीं होता है जिसके अभाव में लोग वहां पर भी कम पैसे में मजदूरी करने के लिए विवश हो जाते हैं |जिससे ना तो उनका ही गुजर बसर होता है ना तो उनके परिवार वालों का ही| बेरोजगारों ने कहा कि पैसे की कमी के कारण वे लोग अपने बूढ़े मां -बाप और परिवार का खर्चा नहीं उठा पाते हैं | उनके बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं| इन बेरोजगारों ने एक स्वर में मांग किया कि खखरेरू कस्बे में भी एक आईटीआई , बहुउद्देशीय रोजगार प्रशिक्षण केंद्र खोला जाए | जिससे इस इलाके के लोगों को योग्यता अनुसार प्रशिक्षण का मौका प्राप्त हो सके | लोगों की बेरोजगारी दूर हो सके व उनकी गरीबी की समस्या का भी अंत हो सके|
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