हिंदी साहित्य भारती का प्रथम उपवेशन कानपुर में संपन्न 

हिंदी साहित्य भारती का प्रथम उपवेशन कानपुर में संपन्न 

हिंदी साहित्य भारती का प्रथम उपवेशन कानपुर में संपन्न 


विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना रहे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि


प्रकाश प्रभाव न्यूज़(PPN)

उदयवीर सिंह शाहजहांपुर


लखनऊ/कानपुर/बरेली/शाहजहांपुर। हिन्दी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) न्यास ने अपनी संस्थापना के सीमित तीन वर्षीय समयान्तराल में देश के समस्त राज्यों सहित विभिन्न केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 35देशों में संगठनात्मक ढांचे का गठन करने में सफलता प्राप्त की है।

     वर्ष 2021में पहला अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन हंसराज कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय में सम्पन्न होने के पश्चात दूसरा अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन न्यास के अंतराष्ट्रीय मुख्यालय झांसी में2022 में आयोजित हुआ। 

इसी श्रृंखला में न्यास की उत्तर प्रदेश राज्य इकाई का पहला उपवेशन कानपुर शहर के चन्द्र शेखर आजाद इण्टर कालेज, पनकी, शताब्दीनगर के सभागार में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य भारती के अध्यक्ष डॉ वागीश दिनकर द्वारा की गई।

 इस अवसर पर हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रवीन्द्र शुक्ल (पूर्व शिक्षा व कृषि मंत्री,उत्तर प्रदेश सरकार सहित न्यास के अंतराष्ट्रीय महासचिव डाक्टर राजीव शर्मा (सेवानिवृत्त आई ए एस),देश के सुविख्यात साहित्यकार और 20खण्ड काव्यों के रचनाकार आचार्य देवेन्द्र देव सहित शिक्षाविद प्रह्लाद वाजपेयी की मंच पर उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

दीप प्रज्वलन के उपरान्त चन्द्र शेखर आजाद इंटर कालेज की छात्राओं ने मां सरस्वती की सुमधुर आराधना नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत की। 

      न्यास के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रवीन्द्र शुक्ल ने उत्तर प्रदेश इकाई के विभिन्न जनपदों से आए पदाधिकारियों को समयबद्ध सुनियोजित रूपरेखा के तहत न्यास के उद्देश्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने हेतु प्रोत्साहित करते हुए ।

इस वर्ष की कार्य योजना का सिलसिलेवार ब्यौरा प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय महासचिव डाक्टर राजीव शर्मा ने न्यास के गठन की आवश्यकता अब तक किए गये देश विदेश के आयोजनो सहित प्राप्त उपलब्धियों तथा भावी कार्य योजना की जानकारी दी गई।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को देश-विदेश के हजारों हिन्दी प्रेमियों द्वारा हस्ताक्षरित राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी भाषा को अंगीकार करने विषयक प्रपत्र की प्रतियां हस्तगत कराने हेतु समय लेने का निर्णय लिया गया।

 सत्र के दूसरे चरण में मंच पर डॉ राजेश तिवारी विरल, सुफलता त्रिपाठी,प्रेम जी और आध्यात्मिक जगत के मनीषी स्वामी रामानंद जी ने उपस्थिति दर्ज कराकर भावी योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। प्रदेश के सुदूर जिलों सहित विभिन्न जनपदों के पदाधिकारियों ने अपने जिले में आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की।

 अन्य सत्र में तकनीकी बिन्दुओं पर गहन विमर्शोंपरान्त भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। आगामी सम्मेलनो के आयोजन परभी विमर्श किया गया।

हिन्दी साहित्य भारती की भूमिका बौद्धिक सांस्कृतिक आन्दोलन के स्वरूप में परिलक्षित होनी चाहिए। न्यास के सूक्ति वाक्य " माता भूमिः पुत्रो अहम् पृथिव्याः " की भावना का अनुकरण करते हुवे भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक थाती को वैश्विक मंच पर प्रसारित कर सनातन संस्कृति की मूल अवधारणा वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को बलवती बनाने का सामूहिक संकल्प लिया गया।संकल्प सत्र में पूरे प्रदेश सेअ आए प्रतिनिधियों ने अपने जनपदों में जाकर भी इस व्यापक अभियान को संचारित करने का निर्णय लिया गया।

विभिन्न सत्रों में विभाजित उपवेशन के अन्तिम समापन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने अपनी सहभागिता दर्ज करायी।

 वैश्विक मंच पर 260से ज्यादा विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा का पठन-पाठन होना हिन्दी की वैश्विक स्वीकार्यता की पहचान सुस्थापित करता है।

 संकल्प सत्र में राजस्थान के विश्वविद्यालय चुरू से आए कुलपति डाक्टर राजेश पाठक ने शपथ-पत्र का पाठन कराया। उन्होंने हिन्दी साहित्य भारती के ध्येय नारे" मानव बन जाए जग सारा, यह पावन उद्देश्य हमारा" में निहित मूल भावना को मनोवेग से पूरी शिद्दत के साथ संचारित किए जाने का आवाह्न किया।एकत्रित प्रतिनिधियों को हिन्दी साहित्य भारती(अंतरराष्ट्रीय ) के सह संयोजक जनसंचार प्रकोष्ठ आनन्द उपाध्याय ने भी संबोधित करते हुए हिन्दी की मौजूदा राष्ट्रीय ही नहीं अपितु वैश्विक स्वीकार्यता को रेखांकित करते हुवे युवा पीढ़ी के मन में राष्ट्रीय भाषा के अधिकाधिक सम्मान और गरिमामय प्रतिष्ठापना की भावना को बलवती बनाने की अपरिहार्यता को समसामयिक जरूरत बताया।

आयोजन में जहां हिन्दी साहित्य भारती के उत्तर प्रदेश के अधिकांश जनपदों से आए पदाधिकारियों और प्रदेश में निवासित केन्द्रीय कार्यकारिणी से जुड़े पदाधिकारियों ने सहभागिता की।

वहीं कानपुर की निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडे सहित शहर के प्रबुद्धवर्ग के अनेक विशिष्टजनो ने भी उपस्थिति दर्ज कराकर आयोजन की सफलता को फलीभूत किया।

राष्ट्रवादी कवि और साहित्यकार प्रदीप वैरागी को बृज क्षेत्र का उपाध्यक्ष तथा एस एस कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शिशिर शुक्ला को शाहजहांपुर का जिला संयोजक मनोनीत किया गया।

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