गोपी उद्धव संवाद और रुक्मिणी मंगल की कथा के प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर

गोपी उद्धव संवाद और रुक्मिणी मंगल की कथा के प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर

श्रीमद्भागवत कथा का छठा दिन 

गोपी उद्धव संवाद और रुक्मिणी मंगल की कथा के प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर


मोहनलालगंज, लखनऊ।


रिपोर्ट- सरोज यादव।


निगोहां के सैदापुर गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में छठे दिन बुद्ववार को वृंदावन धाम के कथा व्यास आचार्य पंडित शिव ओम कृष्ण जी महाराज ने गोपी उद्धव संवाद एवं रुक्मिणी मंगल की कथा के रोचक प्रसंग सुनाए।आचार्य ने कहा कि गोपियों की कृष्णभक्ति से उद्धव इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने गोपियों की चरण रज की वंदना की तथा इच्छा प्रकट करते हुए कहा कि मैं अगले जन्म में गोपियों की चरण रज से पवित्र वृन्दावन की लता, औषध, झाड़ी आदि बनूं। इस प्रकार कृष्ण के प्रति ब्रजवासियों के प्रेम की सराहना करते हुए तथा नन्दादि, गोप तथा गोपियों से कृष्ण के लिए अनेक भेंट लेकर वे मथुरा लौट आए। वहीं रुक्मिणी मंगल प्रसंग के दौरान कथा स्थल पर श्री कृष्ण रूिक्मणी विवाह की सभी रस्में भजनों के माध्यम से प्रस्तुत की गई। जिसका सभी भक्तों ने आनंद लिया।महिला श्रद्धालुओं ने मंगल गीत गाए और जय जय श्री राधे का पवित्र उदघोष किया। प्रवचनों में आचार्य ने कहा कि रुक्मिणी साक्षात लक्ष्मी का अवतार थीं। वह मन ही मन श्री कृष्ण से विवाह करना चाहती थीं।

उधर, श्री कृष्ण भी जानते थे कि रुक्मिणी में कई गुण है। लेकिन रुक्मिणी का भाई रूक्मी श्री कृष्ण से शत्रुता रखता था। अंततः श्री कृष्ण ने रूक्मी को युद्ध में परास्त करके रुक्मिणी से विवाह किया।इस मौके पर मुख्य यजमान प्रताप नारायण मिश्रा,आचार्य सतीश कुमार मिश्रा, सेना से रिटायर्ड सूबेदार उमेश चन्द्र मिश्रा,रिटायर्ड सैनिक अश्वनी कुमार तिवारी,पूर्व प्रधान राम नरेश मिश्रा,राज किशोर त्रिवेदी,रामचंद्र शुक्ला,शिव प्रकाश शुक्ला,अमित मिश्रा,पकंज मिश्रा,बासु मिश्रा,राकेश मिश्रा,उमेश मिश्रा समेत काफी संख्या में क्षेत्रीय लोगो ने पहुंचकर कथा का श्रवण किया।

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