मंदिर मस्जिद के बंद है कपाट गरीब मजदूर के दो जून का नहीं है जुगाड़ देशभर में खुल गई शराब की दुकान

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
Report --- Bhupendra pandey bureau Prayagraj
मंदिर मस्जिद के बंद है कपाट गरीब मजदूर के दो जून का नहीं है जुगाड़ देशभर में खुल गई शराब की दुकान
प्रयागराज l कोरोना वायरस की वजह से बजे ना मंदिर में घंटे चढ़ी न प्रतिमा पर माला बैठा अपने भवन मुअज्जिन देकर मस्जिद में ताला रहे मुबारक पीने वाले खुली रही मधुशाला क्या मंदिर मस्जिद स्कूल कॉलेज से ज्यादा जरूरी है शराब की दुकान के कपाट खोलने केंद्र एवं राज्य सरकार का लॉक डाउन के 42 में दिन देश की जनता को पहला तोहफा दिया आज बहुत से घरों में चूल्हे नहीं जले गे घरेलू हिंसा होगी बच्चे बिन खाए सोएंगे सरकार का शराब की दुकान खोलने के फैसला दुर्भाग्यपूर्ण शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं 42 दिन लाख डाउन रखने का क्या फायदा बीमारी अभी खत्म नहीं हुई है नाही टैली है बल्कि मुहावरे पर खड़ी है सरकार को शराब के साथ साथ सुनार की दुकान भी खोलनी चाहिए क्योंकि लोगों के पास पैसे तो है नहीं घर के जेवर बेचकर ही शराब इस वक्त पी जा सकती है और शराबियों के सम्मान में सरकार को एक आदेश जारी करना चाहिए कि जब कोई शराब लेने दुकान पर पहुंचे तो ताली बजाकर उसका उत्साहवर्धन करें क्योंकि वह देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने जा रहा है जीवन में पहली बार देखा है की शराबियों के सम्मान में पुलिस के जवान लाइन लगवाकर शराबी को आ रहे हैं यह पुलिस जवानों का अपमान है अपने निजी फायदे के लिए सरकार कुछ भी करने को तैयार हैं करोड़ों मजदूर जिनकी रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं लोग भुखमरी से मर रहे हैं शराब की दुकान खोलने से देश की महिलाएं चिंतित और भयभीत हैं महिलाओं का कहना है यह उचित समय नहीं है शराब की दुकान खोलने का लोग महीनों से अपने कारोबार को बंद करके घर पर बैठे हैं जमा पूंजी खा रहे हैं शराब की दुकान खुलने से लोग अपने नशे को पूरा करने के लिए घरेलू हिंसा करेंगे एवं चोरी वा क्राइम में बढ़ोतरी होगी लोग अपने नशे को पूरा करने के लिए क्राइम करेंगे सरकार का यह फैसला जल्दी बाजी में लिया गया फैसला है स्थिति देश की पूर्ण रूप से नॉर्मल हो जाने के बाद ही शराब की दुकानें खोलने चाहिए सरकार को यह बात सही है कि नशे की चीजों में सरकार को बड़ा मुनाफा मिलता है लेकिन बड़ा मुनाफे के चक्कर में सरकार गलत फैसले ले रही है शराब की दुकान खोलने से कहीं ज्यादा जरूरी गरीब मजदूर किसान छोटे कारोबारी की जिंदगी पुनः पटरी पर लौट आना है सरकार को अपने फैसले पर एक बार पुनः विचार करे l
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