थाने से भागा तस्कर छह माह बाद पकड़ा, मगर तमाम सवाल अधूरे
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पीलीभीत न्यूज
थाने से भागा तस्कर छह माह बाद पकड़ा, मगर तमाम सवाल अधूरे
पीलीभीत(नीलेश चतुर्वेदी): छह माह पहले सुनगढ़ी थाने से भागा शातिर मादक पदार्थ तस्कर अफजाल उर्फ बाबू आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। एक किग्रा चरस बरामद कर अमरिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। गुडवर्क होने के बावजूद मामले में दिन भर अधिकारी तस्कर की गिरफ्तारी को छिपाते रहे।
शहर के मोहल्ला मदीनाशाह निवासी अफजाल उर्फ बाबू गइया वाला शातिर मादक पदार्थ का तस्कर है। लंबा आपराधिक इतिहास होने के साथ ही बाबू कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर भी है। 15 नवंबर 2019 को स्वाट टीम ने उसे पकड़ा था। 500 ग्राम चरस की बरामदगी का दावा करते हुए सुनगढ़ी पुलिस के सुपुर्द कर दिया था।
वहां दिन भर थाने में रखने के बाद भी उसकी कोई लिखापढ़ी नहीं की गई और रात को किसी वक्त बाबू रहस्यमय ढंग से थाने से भाग गया था। बाबू के पकड़े जाने की लिखापढ़ी न होने के कारण उसके भागने की कोई एफआईआर भी नहीं हुई। यह भी आरोप लगे थे कि बाबू भागा नहीं, बल्कि सांठगांठ कर भगाया गया था।
अफसरों को भी इसका शक तो हुआ, मगर विभाग की फजीहत को देखते हुए समय बढ़ने पर कार्रवाई दबा दी गई थी। हालांकि इस मामले में दरोगा और मुंशी निलंबित कर दिए थे।
इसके बाद से उसकी धरपकड़ के प्रयास चल रहे थे। अमरिया पुलिस ने सोमवार सुबह एसओजी टीम की मदद से बाबू को उत्तराखंड सीमा पर मुड़लिया गौसू से फुलैया गांव की ओर जाने वाले मार्ग पर नहर पुलिया से गिरफ्तार कर लिया।
सुबह 10:40 बजे एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की। फिर उसे कोर्ट में पेश किया और वहां से जेल भेज दिया गया। बाबू की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़े गुडवर्क से कम नहीं थी। इसके बावजूद इसे बताने से अधिकारी बचते रहे।
दोपहर पौने दो बजे तक तो अधिकारियों ने बाबू की धरपकड़ को स्वीकारा भी नहीं। इसके पीछे सुनगढ़ी थाने से तस्कर के फरार होने की कहानी से बचना अहम वजह माना जा रहा है। एसओ उदयवीर सिंह ने बताया कि एसओजी टीम की मदद से शातिर तस्कर बाबू को पकड़ा गया है। दरोगा जोखन यादव की तरफ से रिपोर्ट दर्ज की गई। उसे जेल भेजा गया है।
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