बड़े ही सादगी व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ मोहर्रम का त्यौहार

बड़े ही सादगी व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ मोहर्रम का त्यौहार

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज


रिपोर्ट - हेमंत कुमार पांडे


बड़े ही सादगी व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ मोहर्रम का त्यौहार 

प्रयागराज।  सोरांव, मोहर्रम एक महीना है इसी महीने से इस्लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होती है। 10 तारीख को हजरत इस्लाम हुसैन की शहादत की याद में मातम मनाया जाता है। इस दिन हजरत इमाम हुसैन के अनुयायी खुद को तकलीफ देकर इमाम हुसैन की याद में मातम मनाते हैं, जहां इस्लामिक महीनों में मोहर्रम का महीना पहला महीना होता है जो कि कुर्बानी और शहादत के नाम से जाना जाता है।

इसमें नौवीं व दसवीं तारीख इस्लाम में सबसे अहम स्थान रखती हैं इसी दिन हजरत अमीर माविया का बेटा यजीद जो उस वक्त का शासक था उसका शासन इस्लाम  के वसूलों  और जुल्म की पराकाष्ठा बन चुका था और वह चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन रजि अल्लाह ताज अनहु उसको अपनी मान्यता दे दे।

वहीं हजरत हुसैन रजि अल्लाह ताज अनहू जो हजरत अली रजि अल्लाह ताज अनहू के बेटे और हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के नवासे थे, यजीद को अपना समर्थन देने से मना कर दिया। इसके फल स्वरुप यजीद ने अपनी विशाल फौज  लेकर हजरत इमाम हुसैन के कुल 72 साथियों को जिनमें बूढ़े बच्चे औरतें शामिल थी उनको पानी अनाज के सभी रास्तों को बंद कर दिया। इस प्रकार आज ही के दिन अर्थात मोहर्रम की दसवीं तारीख को दुनिया की सबसे बड़ी शहादत कुर्बानी हजरत इमाम हुसैन ने दी और इस्लाम के झंडे को झुकने नहीं दिया यह कुर्बानी रहती दुनिया तक एक जालिम शासक की सबसे बड़ी जुल्म की अगर पराकाष्ठा के नाम से जानी जाएगी तो हजरत इमाम हुसैन की सबसे बड़ी शबर और कुर्बानी के नाम से जानी जाएगी और जानी जाती है।

आज के दिन मुसलमान भाई 2 दिन का रोजा रखते हैं गरीबों को जकात देते हैं साथ ही गरीबों को बेहतरीन खाना खिलाते हैं और पूरी आस्था के साथ हजरत इमाम हुसैन को अपनी खिराजे अकीदत पेश करते हैं। साथ ही मोहर्रम के महीने को शहादत के रूप में याद किया जाता है।

       उल्लेखनीय है कि वर्तमान दौर की कोविड-19  के भयावह महामारी के दृष्टिगत जहां शासन व प्रशासन की ओर से निर्देशों का बखूबी पालन करते हुए क्षेत्राधिकारी सोरांव अशोक वेंकट व थाना प्रभारी शिशुपाल शर्मा के नेतृत्व में पूरे कस्बे में फ्लैग मार्च किया गया तथा साथ ही साथ मुख्य मुख्य स्थानों पर पुलिस मुस्तैद रही जिससे बड़े ही सादगी और शांति के साथ कर्बला के शहीदों को मुसलमान भाइयों द्वारा भावभीनी खिराजे अकीदत पेश की गई, जहां उप निरीक्षक गिरीश चंद्र राय उप निरीक्षक धनंजय कुमार सिंह हेड कांस्टेबल रामाशीष यादव अजयंत मौर्य कंप्यूटर ऑपरेटर उज्जवल कुमार सहित मय फोर्स मौजूद रहे।

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