प्रतापगढ में सौ साल पहले आज ही के दिन पीपल के पेड़ के नीचे हुआ था "अवध किसान सभा" का गठन
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 17 October, 2020 09:13
- 597

प्रतापगढ
17.10.2020
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
प्रतापगढ में सौ साल पहले आज ही दिन पीपल के पेड़ के नीचे हुआ था "अवध किसान सभा" का गठन।
अवध का किसान आंदोलन हमे समय के झरोखों से इतिहास में किसानों बलिदान और गौरवशाली रणक्षेत्र में झांकने पर मजबूर करता है। समय हमेशा गतिमान है, समय के साथ लोगों के मुद्दे और जरूरते बदल जाती है उसी के साथ शोषण के तरीके बदलते है उसका मूल स्वरूप वही रहता है। 100 साल पहले आज के दिन अर्थात 17 अक्टूबर 1920, किसानों ने धीरे धीरे एकजुटता और संकल्प को एक सूत्र में बांध कर सम्यक अवध क्षेत्र में विद्रोह की चिन्गारी फैला दी थी लेकिन उसे व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाने के लिए पढ़े लिखे लोगो की दरकार थी जिसके लिए माता बदल पांडेय, सहित अन्य लोग आगे आये और स्थान चुना गया परगना पट्टी का रूर गांव जंहा पर बाबा रामचंद्र और झिंगुरी सिंह सहदेव सिंह काशी कुर्मी, अयोध्या कुर्मी, भगवानदीन, अक्षयबर सिंह ओरी वर्मा सहित कई लोग विभिन्न क्षेत्रो में किसानों और मजदूरों के हितों के लिए बाबा की अगुवाई में संघर्ष कर रहे थे। 17 अक्टूबर 1920 को रूर गांव में पीपल के वृक्ष के नीचे अवध किसान सभा का गठन किया गया।
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