धूम धाम से मनाया डॉ राजेश्वर सहाय त्रिपाठी का जन्म दिन

धूम धाम से मनाया डॉ राजेश्वर सहाय त्रिपाठी का जन्म दिन

प्रतापगढ

15.10.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



धूमधाम से मनाया गया डॉ. राजेश्वर सहाय त्रिपाठी का जन्म दिन



स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शिक्षण संस्थाओं के संस्थापक एवं साहित्य महारथी डॉ. राजेश्वर सहाय त्रिपाठी का जन्मदिन चिलबिला स्थित सुखराज रघुनाथी इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडुकेशन & टेक्नोलॉजी कॉलेज में "संस्थापक दिवस समारोह" के रूप में धूमधाम के साथ मनाया गया । समारोह की अध्यक्षता शिवमूर्ति त्रिपाठी व संचालन साहित्यकार हरि बहादुर सिंह 'हर्ष' ने किया । इस दौरान पत्रकारिता, शिक्षा, साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों व सेवानिवृत्त शिक्षकों को अंगवस्त्रम् आदि भेंट कर सम्मानित किया गया । प्रबन्धक अनिल प्रताप त्रिपाठी प्रवात के संयोजन में हुए इस समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह 'मोती सिंह' व विशिष्ट अतिथि रानीगंज विधायक धीरज ओझा रहे । सदर विधायक राजकुमार पाल समारोह में बतौर उद्घाटन अतिथि मौजूद रहे । उपस्थित वक्ताओं ने डॉ. त्रिपाठी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें याद किया । प्रारम्भ में कवियत्री मीरा त्रिपाठी ने सरस्वती की वन्दना प्रस्तुत की, ततपश्चात कार्यक्रम औपचारिक रूप से शुरू हुआ । उपस्थित अतिथियों ने माँ सरस्वती व पंडित जी के चित्र पर माल्यार्पण कर, समक्ष दीप प्रज्वलित किया । अतिथियों का स्वागत संयोजक व आयोजन समिति के द्वारा किया गया । स्वागत भाषण डॉ. अनूप पाण्डेय ने किया । समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कबीना मंत्री मोती सिंह ने कहा कि " डॉ. त्रिपाठी जी का व्यक्तित्व विशाल रहा, उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेकर देश की आज़ादी में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई । उन्होंने कभी अपने सिद्धान्तों से समझौता नहीं किया । उनका जीवन अनुकरणीय है । वे सदैव समाज के हितों के लिए कार्य करते रहे । उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना की । वे हमेशा के लिए अमर हैं । उन्हें क़भी भुलाया नहीं जा सकता । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रानीगंज विधायक धीरज ओझा ने कहा कि पंडित जी ने सुदूर ग्रामीणांचलों में शिक्षण संस्थाओं को स्थापित करके शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षा दिलाने का जो काम किया वह अनुकरणीय है । वे सदा आम जनमानस में स्मरणीय रहेंगे । वे युवाओं के लिए सदैव प्रेरणाश्रोत रहेंगे । हमें उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए । उद्घाटन अतिथि के रूप में मौजूद सदर विधायक राजकुमार पाल ने कहा कि समाज कभी उन व्यक्तियों को नहीं भुला सकता जिन्होंने देश व समाज के लिए अपने जीवन को न्यौछावर कर दिया हो । डॉ. त्रिपाठी ने शिक्षा केन्द्रों की स्थापना कर जनपद में शिक्षा की अलख जगायी । उनकी स्मृतियां सदा बनी रहेंगी । समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व बीडीओ शिवमूर्ति त्रिपाठी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंडित जी का व्यक्तित्व व कृतित्व बहुत विशाल था । वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, उनका जीवन अनुकरणीय है । समारोह संयोजक व डॉ. त्रिपाठी के पुत्र अनिल प्रताप त्रिपाठी व मौजूद अतिथियों ने पत्रकारिता, शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वरिष्ठ पत्रकार संतोष भगवन, राजनारायण शुक्ल 'राजन', अशोक सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार गजेन्द्र सिंह विकट, सतेंद्र सिंह सौम्य, प्रज्ञा तिवारी, सुरेश नारायण ब्योम, साक्षी तिवारी, शिवानी मिश्रा, हरि बहादुर सिंह हर्ष, दयाशंकर तिवारी, रामचन्द्र भारती, सपना मिश्रा वर्णिका को अंगवस्त्रम् आदि भेंट कर सम्मानित किया । समारोह को सम्बोधित करते हुए ओम प्रकाश त्रिपाठी, डॉ. लाल जी त्रिपाठी, विजय प्रताप त्रिपाठी, डॉ. दया राम मौर्य रत्न, इंजी. चन्द्रकान्त त्रिपाठी चन्द्र, राम संवारे तिवारी, शशिभाल त्रिपाठी, देवराज सिंह सहित अन्य उपस्थित वक्ताओं व कवियों ने डॉ. त्रिपाठी को याद किया । अंत में समारोह संयोजक अनिल प्रताप त्रिपाठी प्रवात ने आए हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया । इस दौरान दयाशंकर शुक्ल हेम, आनन्द मोहन ओझा, अरूण प्रताप त्रिपाठी, जय प्रकाश उपाध्याय आदि लोग मौजूद रहे ।

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