उत्तर प्रदेश में पत्रकार उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर महासंघ ने जताई चिंता, आगामी मंगलवार को महासंघ जिला व तहसील मुख्यालय पर अधिकारियों को सौंपेगा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश में पत्रकार उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर महासंघ ने जताई चिंता, आगामी मंगलवार को महासंघ जिला व तहसील मुख्यालय पर अधिकारियों को सौंपेगा ज्ञापन

प्रतापगढ


04.10.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी


उत्तर प्रदेश में पत्रकार उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर महासंघ ने जताई चिंता,आगामी मंगलवार को महासंघ जिला व तहसील मुख्यालय पर अधिकारियों को सौंपेंगा ज्ञापन।


भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने उत्तर प्रदेश के सभी तहसील व जिला मुख्यालयों पर उप जिला अधिकारी एवं जिला अधिकारी को संगठन की ओर से ग्यारह सूत्रीय मांग पत्र सौंपने का निर्णय लिया है उपरोक्त जानकारी भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश, मथुरा प्रसाद धुरिया ने देते हुए कहा है कि वर्तमान संकट काल में भी प्रदेश में पत्रकारों का उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है।पूरे प्रदेश में आए दिन पत्रकारों पर जानलेवा हमले, उत्पीड़न, हत्या और पुलिस प्रशासन द्वारा फर्जी मुकदमे लिखे जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में केन्द्रीय कार्यकारिणी के निर्देशन में प्रांतीय संगठन ने निर्णय लिया है।कि आगामी छः अक्टूबर 2020 दिन मंगलवार को प्रातः 10 बजे से 11 बजे के लिए पूरे प्रदेश में एक साथ एक ही ज्ञापन तहसील, जिला, मंडल एवं प्रदेश कार्यसमिति द्वारा शासन को भेजा जाए। प्रदेश कार्यसमिति के जो पदाधिकारी जिस जिले में ही वहीं अपना योगदान दे। ज्ञापन का प्रारूप महासंघ की सभी इकाईयों को भेज दिया गया है। सभी इकाइयां अपने लेटर पैड पर प्रिन्ट कराकर अपने साथियों के साथ सौंपेगी । महासंघ ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि इस समय पूरे प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी पत्रकारों पर आए दिन जानलेवा हमले, उत्पीड़न और फर्जी मुकदमे लिखे जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। पत्रकारों की सुरक्षा,संरक्षा को लेकर पत्रकार महासंघ ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और मंगलवार को दिए जाने वाले ज्ञापन में निम्नांकित बिंदुओं को रखा है जो इस प्रकार हैं--1-राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाये।2-ब्लाक, तहसील, जिले पर नियुक्त सभी पत्रकारों को मान्यता प्रदान की जाए और,स्वास्थय, चिकित्सा एवं परिवहन की सुविधा निशुल्क प्रदान की जाए तथा प्रतिमाह सरकार द्वारा सम्मानजनक मानदेय निर्धारित किया जाए। 3-पत्रकारों की हत्या अथवा अन्य आकस्मिक मौतो पर परिवार को कम से कम 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद और एक ब्यक्ति को सरकारी नौकरी प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। 4-25 साल पत्रकारिता अवधि पूरी होने या 60 साल की उम्र पार कर चुके पत्रकारों को गुजारा भत्ता के रूप में कम से कम 10 हजार रुपए महीने पेंशन प्रदान की जाए।5-किसी भी पत्रकार के ऊपर कोई परिवाद दायर करने से पूर्व न्यूनतम क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी से जांच आवश्यक मानी जाए।6-आवासहीन असहाय पत्रकारो को समाज के दूसरे पात्र ब्यक्तियों की तरह आवास उपलब्ध कराया जाए। 7-प्रदेश के ग्रामीण पत्रकारो का कम से कम दस लाख रुपए का सामूहिक दुर्घटना बीमा कराया जाए।8-भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ उत्तर प्रदेश के पत्रकार पदाधिकारियों को भी जिले की स्थाई समिति में शामिल किया जाए, जिससे वह भी अपनी बात जिला प्रशासन के पटल पर रख सकें ‌।9-उत्तर प्रदेश की प्रदेश मान्यता नियमावली में संशोधन कर तहसील स्तरीय पत्रकारों को वह सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं जो जिला स्तरीय पत्रकारों को मान्यता देने पर दी जाती है।10-भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के इच्छुक सदस्यों को सुरक्षा के लिए प्राथमिकता से शस्त्र लाइसेंस मुहैया कराया जाए। 11-किसी भी पत्रकार के ऊपर हमला होने पर आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की जाए। उपरोक्त प्रमुख मांगों के सम्बन्ध से समय-समय पर इससे पूर्व में भी भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने सक्षम अधिकारियों सहित प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री आदि को अवगत कराया जा चुका है।

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