प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों पर गहरा संकट के बादल

Prakash Prabhaw News
प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों पर गहरा संकट के बादल
अषाढ़ा, कौशाम्बी। पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रहा हैं। जिसके चलते देश मे 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया हैं। लॉकडाउन होने के बाद से काम धंधा ठप होने पर द्वाबा के अभिवावक फीस को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
अभिवावकों ने सरकार से मांग की है कि उनके बच्चों की कम से कम तीन महीने की फीस मांफ करने के लिए प्राइवेट स्कूल संचालकों को निर्देशित करें। यदि सरकार की तरफ से 3 माह की शुल्क की कटौती का आदेश होता हैं। तो इसका सीधा असर प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों पर पड़ेगा। जिनकी मासिक वेतन चार से पांच हज़ार हैं।
अध्यापकों का कहना हैं कि उनके वेतन से जीविकोपार्जन भी कठिनाइयों से होता हैं। यदि सरकार की तरफ से कोई भी आदेश होता हैं तो अध्यापकों को ध्यान में रखते हुए फैसला करें। अध्यापक अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। बता दें कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने अब रोजी -रोटी का संकट भी खड़ा हो जाएगा। यदि सरकार की तरफ से 3 माह की फीस माफ करने का आदेश जारी होता हैं तो प्रबंध तंत्र उनकी 3 माह की तनख्वाह काट देगा। शिक्षक जो कि पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहे थें और लॉकडाउन में किसी तरह दिन काट रहे हैं। ऐसे में इन शिक्षकों को आर्थिक कठिनाइयों के दौर से गुजरना पड़ेगा। ऐसे में शिक्षक अपने परिवार के जीविकोपार्जन को लेकर चिंता जाहिर की हैं। शिक्षकों ने केंद्र व राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ठ करते हुए कहा कि यदि किसी भी प्रकार का कोई आदेश हो तो अध्यापक तथा उनके परिवार को ध्यान में रखकर कार्य करें।
रिपोर्ट
राघवेंद्र सिंह
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