जांच के दौरान खुलीं परतेंः 134 गाय गायब होने के मामले में पशु चिकित्सालय की भी मिलीभगत

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
पीलीभीत न्यूज
जांच के दौरान खुलीं परतेंः 134 गाय गायब होने के मामले में पशु चिकित्सालय की भी मिलीभगत
पीलीभीत(नीलेश चतुर्वेदी): देवीपुरा गोशाला से 65 दिन पहले पचपेड़ा गोशाला को भेजी गईं 134 गायों के गायब होने के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के दौरान बड़े घपले सामने आ रहे हैं। इन गायों का पचपेड़ा गोशाला पहुंचने से पहले अमरिया के पशु चिकित्सालय में डॉक्टर के फर्जी हस्ताक्षर से परीक्षण के लिए लाया जाना दिखाया गया है।
लॉकडाउन के बीच पशुपालन विभाग के अफसरों की मिलीभगत से देवीपुरा गोशाला से मार्च के आखिरी हफ्ते में ट्रैक्टर ट्रालियों से कई राउंड में 134 गायों को कागजों में निकालना दर्शाया गया।
कागजों में दर्ज है कि देवीपुरा गोशाला से 134 गायों को ओवरलोड होने की वजह से भरा पचपेड़ा गोशाला में शिफ्ट किया जा रहा है। अमरिया के पशु चिकित्सालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने देवीपुरा गोशाला से 134 गायों को भरा पचपेड़ा गोशाला में लाने की रिसीविंग दर्शाकर डॉक्टर की जगह अपने हस्ताक्षर भी कर दिए। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विश्वास का कहना है कि उन्होंने कोई परीक्षण नहीं किया। बाकी क्या हुआ, उसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
इससे यह भी साफ हो गया है कि देवीपुरा गोशाला संचालक द्वारा ठंड के दौरान मरी गायों का विवरण धोखे से शिफ्टिंग में लिखे जाने की बात गलत है, वरना पशु चिकित्सालय का मामला बीच में आता ही नहीं। इससे मामला तस्करी की तरफ ही जाता दिख रहा है। लेकिन इसमें किसका हाथ है, यह कहना अभी मुश्किल है।
सूत्रों के अनुसार देवीपुरा गोशाला से भरा पचपेड़ा गोशाला के बीच गजरौला, जहानाबाद, अमरिया और मझोला के बीच में पड़ने वाले सुंदरपुर, निसरा, बरातबोझ, नगरिया, अमखिरिया, परेवा वैश्य समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में बड़े पैमाने पर गोतस्कर सक्रिय हैं।
गोशाला से इतनी बड़ी संख्या में गाय गायब होने के बाद विभागीय अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। वह सिर्फ यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि जब गाय रास्ते से गायब होने की मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो चुकी है तो वे इस संबंध में कुछ नहीं कहना चाहते।
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