प्रदर्शनकारियों के बढ़ते कदम नहीं रोक सकी पुलिस

पीलीभीत न्यूज
रिपोर्ट:- नीलेश चतुर्वेदी
प्रदर्शनकारियों के बढ़ते कदम नहीं रोक सकी पुलिस
पीलीभीत। भारत बंद को लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से सख्त इंतजाम किए गए थे। मुख्य चौराहों से लेकर हाईवे तक पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पांच जोन और 14 सेक्टर में जिला बांटकर सभी की जिम्मेदारी तय कर दी गई थी। किसी चक्का जाम और धरना प्रदर्शन रोकने के निर्देश भी ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मियों को एक दिन पूर्व दिए जा चुके थे। प्रशासन की ओर से भी भारी तैयारी थी। दो एडीएम, सात एसडीएम, पांच तहसीलदार के अलावा 14 अतिरिक्त मजिस्ट्रेटों को तैनाती दी गई थी। मगर किसानों और उनके समर्थन में उतरे लोगों के कदम पुलिस नहीं रोक सकी। जिसका नतीजा रहा कि किसानों ने चक्का जाम कर जमकर प्रदर्शन किया।
पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने रणनीति तो बेहतर बनाई। मगर किसानों की धरातल पर पुलिसकर्मियों और अन्य जिम्मेदार अफसर शुरूआत से किसानों को इकट्ठा होने से रोकने में सख्ती नहीं कर पाए। नतीजतन गांवों से निकले किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर मुख्यालय और तहसील मुख्यालय पर पहुंचते गए और जाम लगाकर प्रदर्शन कर दिया। किसानों के एकत्र होने के बाद तो उन्हें रोकने की हिम्मत तक नहीं जुटाई जा सकी। लापरवाही की बात करें तो बरखेड़ा के गाजीपुर कुंडा में पूर्व मंत्री के पहुंचने के बाद भी इंस्पेक्टर बेखबर थे। वहीं माधोटांडा समेत अन्य क्षेत्रों से पुलिसकर्मी जुलूस रोक नहीं पाए। सपाइयों के रेलवे स्टेशन पर पहुंचने की खबर भी देरी से हुई। जाम और धरना प्रदर्शन रोकने के लिए लगाई गई पुलिस फिर तो टरकाऊ रणनीति अपनाती दिखाई दी। किसानों की भीड़ के साथ चलकर सिर्फ दूसरे थानों की सीमाओं तक पहुंचाने का काम किया जाता रहा। किसानों के जमा होने के बाद जब कुछ थानाध्यक्षों से बात की गई तो वह एक दूसरे थाना प्रभारियों की कमी गिनाने से भी पीछे नहीं हटे। कुछ ने तो यह तक जवाब दे दिया कि जब अफसर साथ रहकर नहीं रोक रहे तो वह अपने क्षेत्र में बेवजह क्यों बखेड़ा क्यों कराएं। इसी पर ध्यान दिया गया कि अगर जाम लगना भी है तो दूसरे थाना प्रभारी के क्षेत्र में लगे। इसकी नजीर गौहनिया चौराहा और बरेली हाईवे पर देवहा पुल पर लगे जाम में साफ तौर पर दिखाई भी दी। असम चौकी के एक दरोगा को जैसे ही पता लगा कि जहानाबाद पुलिस उनके क्षेत्र में जुलूस प्रवेश करा रही है तो वह बाइक से गए और देवहा पुल के दूसरी तरफ ही रोक दिया।
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