नाइट कर्फ्यू...और जाम... ये नजारा आम है नोएडा-दिल्ली बॉर्डर का

PPN NEWS
नोएडा
REPORT- VIKRAM PANDEY
नाइट कर्फ्यू...और जाम... ये नजारा आम है नोएडा-दिल्ली बॉर्डर का
गौतम बुद्ध नगर जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है, जिसका असर दिखने लगा है. नोएडा के बॉर्डर पर रात्रि कर्फ्यू का पालन कराने के लिए पुलिस की टीमें कर्फ्यू लगने से कुछ पहले ही तैयारियां शुरु कर देती हैं. लोगों को बताया जाता है कि रात्रि कर्फ्यू लगा हुआ है इसलिए वे अपने घरों रहे. सड़कों पर वेवजह नहीं घुमें.
लोगों ने भी कुछ हद तक नियमों का पालन करना शुरू कर दिया है. लेकिन रात्रि कर्फ्यू के कारण बॉर्डर पर जाम की स्थिति भी देखी जा रही है और पुलिस शहर में उन्हीं लोगों को प्रवेश देती है जिनको छूट मिली हुई है. या फिर इमजेंसी है और जायज कारण है, बाकि सभी को बॉर्डर से लौटा दिया जा रहा है.
यह नजारा है नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली डीएनडी रोड का जहां रात्रि कर्फ्यू लगने के बाद जाम लगा हुआ है, ये जाम रात्रि कर्फ्यू के कारण बॉर्डर पर चल रही चेकिंग के वजह से लगा हुआ है. और नाइट कर्फ्यू लगने के बाद केवल उन्हीं वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है जिन्हें कर्फ्यू में छूट मिली है और बाकि को लौटाया जा रहा है. जिसके कारण डीएनडी पर जाम की स्थिति पैदा हो हो जाती है. नोएडा ज़ोन-1 के डीसीपी राजेश यस स्वयं मौके पर मुआयना करने पहुंचते हैं. उनका कहना है कि रात्रि कर्फ्यू का पालन पूरी मुस्तैदी से किया जा रहा है.
लेकिन वह कहते हैं कि कुछ मामलों पुलिस लोगो कि मदद भी करती है. अगर कोई व्यक्ति किसके साथ महिला है या कोई महिला रात्रि के समय सफर कर रही है, तो उसे हम प्रवेश भी देते हैं और गंतव्य तक पहुंचाते भी हैं. वे बताते हैं कि कर्फ्यू के बारे में और कोविड-19 के नियमों के पालन करने के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस की टीमें लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट भी करती हैं.
नाइट कर्फ्यू लागू होने के साथ ही लोगों ने नियमों का पालन करना भी शुरू कर दिया है, जैसे ही लाइट कर्फ्यू का समय होने लगता है, लोगों के चेहरे के भाव बदलने लगते हैं उनके चेहरे पर तनाव साफ देखा जा सकता है. कई लोगों को इस बात का डर रहता है कि अगर 10 बजे तक घर नहीं पहुंचे, तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है. घर पहुंचने के लिए ऑटो टेंपो टैक्सी से होड़ मची रहती है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पुलिस की सख्ती के के कारण घरों में ही रहना उचित मानते हैं.
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