नहरो मे पानी न आने से किसान परेशान

नहरो मे पानी न आने से किसान परेशान

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रायबरेली

नहरों मे पानी न आने से किसान परेशान


महराजगंज/रायबरेली: नहरों में पानी न आने से क्षेत्र में किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। गेहूं की सिंचाई के लिए किसान पानी की बाट जोह रहे हैं।

आपको बता दें कि, नहरों में पानी न आना किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। हालत यह है कि, फरवरी माह में लहराती किसानों के गेहूं की फसलें तकरीबन डेढ़ महीने से हलोर अल्पिका में पानी ना आने से सूख रही हैं। अब जबकि किसान हलोर अल्पिका में पानी की बाट जोहते जोहते डेढ़ महीने बीत चुके हैं, लेकिन पानी नहीं आया है। अभी विगत दिनों हुई वर्षा के कारण गेहूं की फसल को पानी की आवश्यकता नहीं पड़ी, लेकिन अब गेहूं की फसल को पानी की जरूरत है। ऐसे में नहरों में पानी न आने से किसान परेशान हैं।

नहर के किनारे के खेतों के लिए सिंचाई के साधन उपलब्ध न होने के कारण किसानों को अपनी फसल बर्बाद होने का डर लगने लगा है। वहीं लाहा की फसल कटने के बाद मूंग की बोआई करने के लिए किसानों को पलेवा की आवश्यकता है। ऐसे में नहरों का पानी न मिल पाने के कारण मूंग की बोआई भी प्रभावित होने की आशंका है। धान की फसल कटने के बाद जिन खेतों में गेहूं की बुआई की गई थी, उन्हें सिंचाई की बेहद आवश्यकता है।

इधर बीते दिनों हुई बरसात से किसान को अब गेहूं की फसल अच्छी होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन नहरों में पानी न आने से गेहूं की फसल में पीलापन आ गया है, जिससे किसानों के चेहरे भी पीले पड़ रहे हैं।

विदित हो कि, हलोर अल्पिका जौनपुर ब्रांच से निकलकर जमुरवा नैय्या नाला में मिलती है। इसकी लंबाई लगभग 7 किलोमीटर है। इस 7 किलोमीटर के क्षेत्रफल में लगभग हजारों हेक्टेयर भूमि पर किसानों द्वारा उगाई जाने वाली फसलें सूख रही है। किसान चंदन यादव, श्रीराम शुक्ला, नारायन कोरी, गुड्डू सिंह, आशुतोष शुक्ला, हरिशंकर कोरी, मुन्नी लाल कोरी, संतोष कोरी, रामफेर मौर्य, बंसी मौर्य, उदयराज सिंह, सूरज नाई, रमाकांत सिंह, अंशुमान सिंह, सहित क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव से आग्रह किया है कि, जल्द से जल्द हलोर अल्पिका में पानी छोड़वाया जाए, ताकि किसान की फसलें सूखने से बचाई जा सके, अन्यथा की स्थिति में क्षेत्र का किसान तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर उप जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन को बाध्य होगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित विभाग के अधिकारियों होगी।

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