स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर की मासिक गोष्ठी में बही साहित्यिक बयार
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 14 November, 2021 23:22
- 493

प्रतापगढ
14.11.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर की मासिक गोष्ठी में बही साहित्यिक बयार
प्रतापगढ में 14नवंबर,को बाल दिवस के अवसर पर साहित्यिक संस्था स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर की मासिक गोष्ठी ब्लॉक सांगीपुर सिमांतर्गत स्थित गुरुकुल विद्यापीठ इंटर कॉलेज नरवल के प्रांगण में हर्षोल्लासपूर्वक संपन्न हो गई। ग्राम रेहुआ लालगंज निवासी गजलकार अरविंद सत्यार्थी के आयोजकत्व में संपन्न गोष्ठी की अध्यक्षता मंडल के अध्यक्ष अर्जुन सिंह एवं संचालन महामंत्री डॉ अजित शुक्ल ने किया। मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन अर्चन के बाद शुरू हुई गोष्ठी में साहित्यकारों ने विविध रचनाएं पढ़कर साहित्यिक धारा प्रवाहित किया। जहां, सुल्तानपुर जिले के निवासी लक्ष्मीकांत कमलनयन ने पहली बार गोष्ठी में उपस्थित होकर पढ़ा __
"बनता महान स्वाभिमानी खानदानी किंतु,
स्वांग सिंधु में पड़ा है भूलता अतीत जो"
वहीं, यज्ञ कुमार पांडेय यज्ञ ने महंगाई की मार से प्रभावित होकर छंद की पंक्तियां पढ़ा__
"बजरी खरीदै बजरिया गए जौ काल्ह,
बजरी के दाम सुनि छतिया बजरिगै"
जहां,गोष्ठी के आयोजक अरविंद सत्यार्थी ने ग़ज़ल की पंक्तियां पढ़ी__
"इक निवाला भूख और प्यासी सारी जिंदगी,
दामन में लेलो भूखे को प्यारी प्यारी जिंदगी"
वहीं, अशोक विमल ने गांव की सोंधी माटी पर कविता पढ़ा__
"नहिं मटिया महकिया सोंधाई लागै,
यहि देसवा कै रितिया पराई लागै"
ओज के रचनाकार हरिवंश शुक्ल शौर्य ने ओज की रचना की पंक्तियां यूं पढ़ा__
"कीर्तिमान शौर्य भूमि विश्व के पटल पर,
धन्य धन्य लोग यहां धन्य ये वसुंधरा"
गीतकार रघुनाथ यादव ने ज्ञानयुक्त पढ़ा दोहा_
"पोथी पढ़ि पंडित भये खूब बतावैं ज्ञान।
भाव न जानैं खड्ग कै बेंचत बाटें म्यान"
पूर्व प्रधानाचार्य कृष्ण नारायण लाल श्रीवास्तव ने आध्यात्मिक पंक्ति यूं पढ़ी__
"यकीन करो तुम रब पर प्यारे,
जब से छत्तिस हो जाओगे"
गोष्ठी में काव्य पाठ करने वालों ने अध्यक्ष अर्जुन सिंह एवं महामंत्री डॉ अजित शुक्ल के अलावा वरिष्ठ साहित्यकार परशुराम उपाध्याय सुमन, दीपेन्द्र श्रीवास्तव तन्हा,
सुरेश अकेला, संतोष त्रिपाठी,जनार्दन प्रसाद उपाध्याय, शंकरलाल मोदनवाल,रवि शंकर मिश्र, रामजी मौर्य आसमां आदि प्रमुख रहे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में अर्जुन सिंह ने समस्यापूर्ति के लिए "बंधना बिन रसरी"
शीर्षक निर्धारित करते हुए कहा कि आगामी गोष्ठी में इसी समस्यापूर्ति पर रचनाएं आएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी दिसंबर माह में मंडल की पत्रिका "स्वतंत्र सौरभ वार्षिकांक 2021" का प्रकाशन भी सुनिश्चित किया जाएगा। अंत में राष्ट्रगान के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।
Comments