मेगा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

मेगा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

मेगा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन


शाहजहांपुर ब्यूरो उदयवीर सिंह


शाहजहाँपुर । उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार जनपद शाहजहॉपुर में पत्रकारों के विरूद्ध किये गये अपराधों मे दण्डाभाव या दोशमुक्ति पर रोक का अंतराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहजहॉपुर आशुतोश तिवारी के संचालन में गांधी भवन में मेगा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया ।

जिसकी अध्यक्षता प्रभारी जनपद न्यायाधीश अखिलेश कुमार पाठक ने की कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में  मनोज कुमार राय पीठासीन अधिकारी एम0ए0सी0टी0 थे।

विशिष्ठ अतिथि के रूप में जिलाधिकारी  इन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक  एस0 आनन्द, मुख्य चिकित्साधिकारी ओ0पी0 गौतम, मुख्य विकास अधिकारी  श्याम बहादुर सिंह, नगर आयुक्त  संतोश कुमार शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट  आभा पाल एवं जेल अधीक्षक  डा0 बी0डी0 पाण्डेय, केन्द्रीय बार के अध्यक्ष  अनन्त कुमार सिंह थे। उक्त कार्यक्रम में एहसान हुसैन अपर जिला जज कोर्ट संख्या 03, आलेाक कुमार शुक्ला अपर जिला जज कोर्ट संख्या 05, दिनेश  कुमार गौतम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम आसमॉ सुल्ताना अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय,  जुलकरनैन आलम सिविल जज सी0डि0 एफ0टी0सी0,  मीनल चावला सिविल जज जू0 डि0,  अरूणाजलि सिंह सिविल जज जू0 डि0,  रजत साहू न्यायिक मजिस्ट्रेट, उमाम जाहिद अपर सिविल जज जू0 डि0,  सक्षम शेखर सिविल जज जू0 डि0,  शिवानी सिंह अपर सिविल जज जू0 डि0,  नूतन सिविल जज जू0 डि0 एफ0टी0सी0 आदि न्यायिक अधिकारीगण, जिला प्रोबेशन अधिकारी  गौरव मिश्रा एवं एस0एस लॉ कालेज के प्रधानाचार्य डा0 जयशंकर ओझा भी उपस्थित थे।

श्रोता के रूप में एस0एस0 लॉ कालेज एवं आर्य महिला पी0जी0 कॉलेज की छात्र छात्रंाए, अधिवक्तागण एवं पत्रकारणगण उपस्थित थे। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आशुतोश तिवारी ने अपने उदघाटन भाशण में बताया कि संयुक्त राज्य संघ ने वर्ष 2013 में अपने 68 वें अधिवेशन में प्रत्येक 2 नवम्बर को पत्रकारों के सम्मान में प्दजमतदंजपवदंस कंल जव म्दक प्उचनदपजल वित ब्तपउम ।हंदपेज श्रवनतदंसपेज मनाने का निर्णय लिया गया था जिसका मुख्य उद्वेश्य राष्ट्रो को पत्रकारों के विरूद्ध किये जा रहे अपराधों के विरूद्ध जागरूक करना एवं सख्त कानून बनाने के लिये प्रेरित करना है। उन्होने कहा कि पिछले 14 वर्ष में 1200 से अधिक पत्रकारो की हत्या हुयी है। एवं प्रतिवर्ष विश्व में औसतन 90 पत्रकारों की हत्या होती है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180 देशों में भारत 142वें स्थान पर है, अर्थात भारत उन शीर्ष देशो में है जहॉ पिछले कुछ वर्षाे से प्रेस की स्वतंत्रता का लगातार उल्लघंन हुआ है एवं पत्रकारों के विरूद्ध हुये अपराध में पुलिस, राजनीतिक दल एवं भ्रष्ट अधिकारीगण पर आरोप लगाये गये है।

भारत में पत्रकारों के विरूद्ध हुये अपराधों में 10 में से 4 अपराध हत्या एवं अपहरण जैसे जघन्य अपराध है एवं 10 में से 9 मामलों में अपराधी न्यायालय से दोशमुक्त होते है। उन्होने कहा कि इन घटनाओं के चलते निर्भीक पत्रकारिता में कमी आयी है एवं पत्रकार तथा उनके परिवारीजन में पुलिस, प्रशासन एवं न्याय व्यवस्था में विश्वास डगमगाया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर होने वाले अपराध न सिर्फ पत्रकारों के परिवारीजन व समाज को प्रभावित करते हैं अपितु ऐसी घटनाएं लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देती हैं। चूंकि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है।

अतः चाहें वह पुलिस, प्रशासन या न्याय विभाग हो सभी को पत्रकारों के विरूद्ध हुये अपराधों में संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिये तभी जाकर हम प्रेस की स्वतंत्रता एवं मजबूत लोकतंत्र को सुनिश्चित कर सकते हैं। अधीक्षक जिला कारागार ने अपने अभिभाशण में कहा कि शासन, प्रशासन को पत्रकारों के लिये स्वतंत्र रूप से कार्य करने हेतु एक स्वच्छंद एवं अपराध मुक्त माहौल देना संवैधानिक जिम्मेदारी है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट  आभा पाल ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता एक मूल भूत अधिकार है, जिससे किसी भी प्रकार का समझौता नही किया जा सकता है। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने अपने अभिभाशण में कहा कि शासन, पुलिस एवं न्यायिक अधिकारियों को मिलकर नियमित रूप से पत्रकारों को समर्पित एक जनसुनवाई करनी चाहिये ताकि पत्रकारों को त्वरित न्याय प्राप्त हो सके। एहसान हुसैन अपर जिला जज कोर्ट संख्या 03 ने अपने सम्बोधन में कहा कि समय के साथ भारत में निर्भीक पत्रकारिता में कमी आयी है जिस कारण पत्रकार एवं उनके परिवारीजन में पुलिस, प्रशासन एवं न्याय व्यवस्था से विश्वास डगमगा गया है। मुख्य विकास अधिकारी  श्याम बहादुर सिंह ने अपने सम्बोधन में पत्रकारों की जनसुनवाई का समर्थन किया। पुलिस अधीक्षक l

एस0 आन्नद ने अपने सम्बोधन में कहा कि पत्रकारों के विरूद्ध किये गये अपराधों में दण्डाभाव की वजह निश्चित रूप से त्रुटि पूर्ण विवेचना एक प्रमुख कारण है परन्तु पुलिस अतिमानव नहीं है और जनता को पुलिस पर विश्वास करना चाहिये और आगे बढ़कर सत्य बताकर आरोपी को दण्ड दिलाने में पुलिस की मदद करनी चाहिये।

जिलाधिकारी  इन्द्र विक्रम सिंह ने अपने अनुबोधन में कहा कि पत्रकारों को संवैधानिक  दायित्वों के दायरे में रहते हुये कार्य करना चाहिये और आलोचनात्मक एवं निर्णायक भूमिका अपनाने से बचना चाहिये।

प्रभारी जनपद न्यायाधीश  अखिलेश कुमार पाठक ने अपने भाशण में कहा कि न्याय पालिका पत्रकारों के विरूद्ध हुये अपराधों को बहुत गंभीरता से लेती है ओर अविलम्ब विचारण करके फैसला सुनाने का प्रयास करती है।

अन्त में पीठासीन अधिकारी एम0ए0सी0टी0 मनोज कुमार राय द्वारा अपने अनुमोदन में कहा गया कि पत्रकारों के विरूद्ध अपराधों को एक टीम वर्क की भावना अपनाने से रोका जा सकता है और इस टीम में पुलिस प्रशासन व न्याय व्यवस्था का बराबर योगदान है।

इस टीम की यदि एक भी कड़ी अपने दायित्वों के निर्वहन करने में असफल रहती है तो ऐसी टीम एक कमजोर टीम होगी एवं पत्रकार व उनके परिवारीजन को न्याय नही दिलाया जा सकेगा।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण, वंदना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ एवं सामूहिक राष्ट्रगान के गायन से कार्यक्रम की समाप्ति हुयी।

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