लॉकडाउन में जिंदगी हो गई ऑनलाइन

लॉकडाउन में जिंदगी हो गई ऑनलाइन

Prakash prabhaw news

 

सब कुछ इंटरनेट पर निर्भर 

 

Report --- Bhupendra pandey Bureau prayegraj

 

 

कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन क्या हुआ, लोगों की जिंदगी पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है।

 

बच्चे घरों से बाहर न निकलकर पढ़ाई और मनोरंजन के लिए इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं।

 

वहीं, लॉकडाउन की कोई समय सीमा न होने के कारण कई लोगों ने घरों से ही ऑनलाइन काम शुरू कर दिया है।

 

रिश्तेदारों और दोस्तों से सुख-दुख भी लॉनलाइन साझा किया जा रहा है

 

तो बिजली, पानी, फोन और क्रेडिट कार्ड आदि के बिल भी अधिकतर लोगों ने ऑनलाइन जमा करना शुरू कर दिया है।

 

ऑनलाइन पढ़ाई और मनोरंजन

 

पिछले एक महीने से सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद हैं।

 

स्कूलों ने कुछ दिनों तक लॉकडाउन खुलने का इंतजार किया, लेकिन लॉकडाउन और बढ़ने की आहट के कारण अधिकतर प्राइवेट स्कूलों ने ऑनलाइन शैक्षिक सत्र शुरू कर दिया है।

 

इसके तहत, व्हॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को होमवर्क दिया जा रहा है।

 

इसके साथ ही बच्चे मनोरंजन के लिए भी इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं।

 

नौकरी भी चल रही इंटरनेट पर

 


लॉकडाउन में अधिकतर लोगों के कामधंधे बंद पड़े हैं। हालांकि, कुछ कंपनियों में काम करने वाले लोगों को प्रबंधन की ओर से वर्क फ्राम होम करने निर्देश दिए गए हैं।

 

इसके बाद ये लोग इंटरनेट के जरिये घर बैठकर ही काम निपटा रहे हैं। हालांकि इन लोगों की ओर से वही काम किए जा रहे हैं।

 

सुख दुख भी बांट रहे ऑनलाइन

 

 

लॉकडाउन में सुख-दुख भी ऑनलाइन ही साझा किए जा रहे हैं। यदि किसी परिचित या फिर रिश्तेदारों के घर खुशी का मौका है

 

तो व्हॉट्सएप, स्काइप, गूगल डूओ जैसे अन्य सोशल प्लेटफार्म के जरिये वीडियो कॉल कर बधाई दी जा रही है। वहीं, एक-दूसरे के दुख में भी ऑनलाइन ही शामिल होकर फर्ज निभाया जा रहा है।

 

यही नहीं, कई लोग तो पूजा से लेकर क्रिया कर्म भी ऑनलाइन ही संपन्न करा रहे हैं।

 


बिल और शिकायतें भी ऑनलाइन

 


सामान्य दिनों में कोतवाली या फिर सरकारी विभागों में बिजली, पानी के बिल जमा करने या फिर शिकायतें दर्ज कराने के लिए फरियादियों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन में सारे सरकारी दफ्तर खाली पड़े हैं।

 

संक्रमण के डर से अधिकारी, कर्मचारी और फरियादी कार्यालय आने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में लोग ऑनलाइन बिल जमा कर व्हॉट्सएप पर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।

भुगतान भी ऑनलाइन 

 

लोगों में कोरोना को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। एक भ्रांति यह भी है कि कोरोना वायरस कागज के नोटों और सिक्कों से भी फैलता है।

 

ऐसे में लोग सामान लेकर डिजिटल लेनदेन कर रहे हैं, ताकि एक-दूसरे से कम से कम संपर्क में आएं।

 

वहीं, सरकार के साथ-साथ सामाजिक संस्थाएं भी कोरोना के प्रति लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से ही जागरूक करने में जुटी हैं।

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