एल-2 अस्पताल में कोरोना संक्रमित बंदी खिड़की से कूदकर भागा

एल-2 अस्पताल में कोरोना संक्रमित बंदी खिड़की से कूदकर भागा

पीलीभीत 

रिपोर्ट- नीलेश चतुर्वेदी

एल-2 अस्पताल में कोरोना संक्रमित बंदी खिड़की से कूदकर भागा

पीलीभीत। कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित बंदियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से चूक सामने आई। एल-2 अस्पताल में कोरोना का इलाज कराने के लिए आठ दिन पहले भर्ती बदायूं का शातिर हत्या आरोपी देर रात खिड़की के रास्ते कूदकर भाग निकला। बंदी के भागने के कई घंटे बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को मामले की जानकारी हुई। एसपी और एएसपी ने मौका मुआयना कर मामले की जानकारी स्टाफ से ली, मगर कुछ खास पता नहीं लग सका। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से तहरीर मिलने के बाद बंदी पर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस फरार बंदी की तलाश कर रही है।

बदायूं के मोहल्ला जोगीपुरा निवासी शशांक बजाज हत्या, जानलेवा हमले और गैंगस्टर एक्ट के मामले में बदायूं जेल में बंद था। दो साल पहले सितंबर में उसे बदायूं जेल से पीलीभीत जिला कारागार शिफ्ट किया गया था। जब जेल में कोरोना ने दस्तक दी तो बंदियों की जांच कराई गई, इसी महीने 18 सितंबर को आई जांच रिपोर्ट में उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। उसके साथ कई अन्य बंदी भी पॉजिटिव आए थे। आठ बंदियों में गंभीर लक्षण होने पर उन्हें अगले दिन जिला महिला चिकित्सालय में बने एल-2 अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एल-2 अस्पताल में आठ बंदियों समेत 28 कोरोना मरीज भर्ती थे। शनिवार देर रात मौका पाकर बंदी शशांक अस्पताल की आपातकालीन खिड़की से कूदकर भाग गया। रविवार सुबह ड्यूटी पर मौजूद डॉ. लेखराज वार्ड में पहुंचे तो उन्हें बंदी शशांक के फरार होने की जानकारी हुई। पहले तो स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे अस्पताल के अंदर ही तलाशती रही, मगर जब उसका कोई पता नहीं लगा तो मामले की सूचना पुलिस को दी गई। बंदी के अस्पताल से भागने का पता चलते ही एसपी जयप्रकाश, एएसपी डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी, सीओ सिटी वीरेंद्र विक्रम, कोतवाल श्रीकांत द्विवेदी पुलिस बल के साथ कोविड अस्पताल एल-2 पहुंचे और बंदी के बारे में पूरी जानकारी जुटाई। डॉक्टरों ने भी वहां भर्ती अन्य मरीजों से शशांक के बारे में पूछा, मगर कोई उसके भागने के समय को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर सका।

*एक संक्रमित का मोबाइल भी चोरी कर ले गया*

कोविड एल-2 अस्पताल से भागा हत्या आरोपी बंदी पड़ोस के एक अन्य कोरोना मरीज का मोबाइल भी चोरी करके ले गया है। इसकी जानकारी रविवार को संक्रमितों से जानकारी जुटाने के दौरान हुई। ऐसे में बंदी को पकड़ने के लिए सर्विलांस की भी मदद ली जा रही है।

*बदायूं पुलिस को भी भेजी गई रिपोर्ट*

कोविड अस्पताल से भागा शशांक बदायूं का शातिर अपराधी बताया जाता है। उस पर बदायूं में सदर कोतवाली में गंभीर धाराओं में कई मामले दर्ज हैं। शातिर अपराधी के कोविड अस्पताल से फरार होने के बाद पीलीभीत के समस्त थानों के अलावा बदायूं पुलिस को भी रिपोर्ट भेजी गई है।

*पुलिस और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही सवालों के घेरे में*

कोविड अस्पताल से कोरोना संक्रमित बंदी के भागने का यह कोई पहला मामला नहीं है। दो माह पहले 24 जुलाई को बीसलपुर कोतवाली से किशोरी को भगाकर ले जाने के आरोप में बंद युवक कोरोना संक्रमण का इलाज कराते समय आयुर्वेदिक कॉलेज में बने एल-1 अस्पताल की दीवार फांदकर भाग गया था। हालांकि तीन माह बाद उसे पकड़कर दोबारा जेल भेज दिया था, मगर लापरवाही बरतने वाले पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों पर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

अब एल-2 अस्पताल से बदायूं के शातिर अपराधी के फरार होने से पूरे पुलिस महकमे में खलबली मच गई। कोविड अस्पताल में बंदियों के सुरक्षा इंतजाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस दोनों ही सवालों के घेरे में हैं। अब खुद के बचाव के लिए दोनों एक-दूसरे पर लापरवाही बरतने के आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे हैं।

इस समय एल-2 अस्पताल में आठ बंदी कोरोना का इलाज करा रहे हैं। इनकी निगरानी के लिए नौ पुलिसकर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी रहती है। पुलिसकर्मी मरीजों के वार्ड में तो नहीं जाते, मगर बाहर परिसर में रहकर बंदियों की निगरानी करने की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। इसके बावजूद पुलिसकर्मियों को बंदी के भागने का पता सुबह तक नहीं लगा। उधर, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी कम नहीं हैं। शातिर बंदी शशांक को कोरोना के इलाज के लिए जिस वार्ड में भर्ती किया गया था, उस वार्ड का दरवाजा हमेशा खुला रहता था। जबकि पहले भी एक बंदी के फरार हो चुका था। उसके बाद वार्ड का दरवाजा बंद रखने के निर्देश भी दिए गए थे। 20 सितंबर को निरीक्षण के दौरान पुलिस अफसरों ने एल-2 अस्पताल की खिड़कियों पर जाली लगवाने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा था, मगर उसकी भी कोई सुध नहीं ली गई। कोरोना संक्रमित बंदी के फरार होने के बाद एक दूसरे पर लापरवाही के आरोप लगाए जाने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर पुलिस पर और पुलिस कर्मी मेडिकल स्टाफ पर बंदी के फरार होने की जिम्मेदारी डालने में लगे हैं। फिलहाल फरार बंदी की निगरानी में ड्यूटी कर रहे नौ में से तीन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है।

*क्या कहते हैं सदर कोतवाल*

एल-2 अस्पताल से एक बंदी फरार हो गया है। डॉक्टर से तहरीर मिलने के बाद उस पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस कर्मियों की लापरवाही की रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी है। बदायूं पुलिस को भी घटना से अवगत करा दिया गया है। बंदी की तलाश के लिए पुलिस टीम लगाई है। - श्रीकांत द्विवेदी, कोतवाल

क्या कहती हैं सीएमओ

जो बंदी फरार हुआ है, उसकी रविवार सुबह ही निगेटिव रिपोर्ट आई थी। स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है। बंदी के भागने की पूरी जिम्मेदारी पुलिस की है। वार्ड का बाहर से गेट बंद करने की व्यवस्था एल-1 कोविड अस्पताल में थी। एल-2 में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। - डॉ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ

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