कोरोना: कंटेन्मेंट जोन केवल कागजों पर, धरातल पर व्यवस्थाएं धड़ाम

कोरोना: कंटेन्मेंट जोन केवल कागजों पर, धरातल पर व्यवस्थाएं धड़ाम

पीलीभीत न्यूज

रिपोर्ट:- नीलेश चतुर्वेदी


कोरोना: कंटेन्मेंट जोन केवल कागजों पर, धरातल पर व्यवस्थाएं धड़ाम


114 एक्टिव कोरोना संक्रमित पर कंटेन्मेंट केवल 76,गाइड लाइन के बाद भी नहीं हो रही संक्रमित के घर की निगरानी, न लग रही बैरिकेडिंग।

पीलीभीत। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू होने के बाद शासन भले ही गंभीर हो, लेकिन जनपद में स्वास्थ्य विभाग और नगरपालिका इसको लेकर गंभीर नहीं।

कोरोना संक्रमित निकलने के बाद शासन ने निर्देश दिए थे कि संक्रमित मिलने पर उसे अस्पताल या फिर होम आइसोलेट करने के बाद उसके घर को सैनिटाइज कराकर सील किया जाएगा। कोई आवाजाही न हो, इसके इंतजाम किए जाएंगे। मगर स्वास्थ्य विभाग और नगरपालिका सिर्फ कागजों में ही कंटेन्मेंट जोन बनाकर इतिश्री कर ले रहे हैं।

धरातल पर न तो संक्रमितों की निगरानी की जा रही है, न ही बैरिकेडिंग और सैनिटाइज कराया जा रहा है। ऐसे में उन इलाकों में संक्रमण का दायरा बढ़ने का खतरा बन हुआ है। मगर स्वास्थ्य विभाग और नगरपालिका इसको लेकर चिंतित नहीं है।

त्योहारी सीजन निपटने के बाद से संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसको लेकर शासन ने कोरोना की गाइडलाइन में फेरबदल करते हुए निर्देश दिए थे कि नई गाइडलाइन के अनुसार किसी क्षेत्र में एक या एक ही घर में कई कोराना पॉजिटिव मिलने पर उस घर को केंद्र मानकर शहरी क्षेत्र में 100 मीटर के दायरे को सैनिटाइज कर कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। किसी क्षेत्र में एक से अधिक केस पर 500 मीटर का दायरा कंटेनमेंट होगा।

जनपद में अब तक चार हजार कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं। इनमें 3814 सही हो चुके हैं, जबकि 74 मरीजों की मौत के अलावा अब भी 98 एक्टिव केस चल रहे हैं।

संक्रमित निकलने पर शहरी क्षेत्र में 16, पूरनपुर में 7, बीसलपुर में 11, बिलसंडा में 11 मरौरी में 10, अमरिया में 6, बरखेड़ा में 2 और ललौरीखेड़ा में 13 कंटेन्मेंट जोन बनाए गए हैं। इन कंटेन्मेंट जोन में सिर्फ नगरपालिका और स्वास्थ्य विभाग औपचारिकता पूरी कर रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज रहा है।

हकीकत में कोई काम नहीं हो रहा। किसी भी कंटेन्मेंट जोन में न तो संक्रमित के घर के बाहर बैरिकेडिंग ही की गई है, न ही क्षेत्र में सैनिटाइजेशन ही कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी सिर्फ इन क्षेत्रों में निगरानी के नाम पर खिलवाड़ कर रहा है।

संक्रमित निकलने पर सिर्फ परिवार वालों की ही सैंपलिंग की जा रही है। आसपास और संपर्क में आने वालों तक टीम नहीं पहुंच रही।

यह लापरवाही तब है जब एक केस पर 20 से 25 लोगों की सैंपलिंग करने को निर्देशित किया गया है। मगर रैपिड रिस्पांस टीम की उदासीनता के चलते एक केस पर सिर्फ पांच से छह लोगों की ही सैंपलिंग कराई जा रही।

दो दिन पहले मोहल्ला शेर मोहम्मद निकले संक्रमित के परिवार वालों ने बताया कि नगरपालिका की ओर से कोई सैनिटाइज नहीं कराया गया है। दोनों विभाग की लापरवाही से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जनपद के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।


घर बैठे संक्रमितों की निगरानी कर रही टीमें

स्वास्थ्य विभाग की ओर से संक्रमितों की निगरानी को ग्रामीण क्षेत्र में 721 और शहरी क्षेत्र में 141 टीमें लगाई गई हैं। संक्रमित की निगरानी के साथ उनके परिवार वालों के अलावा संपर्क में आने वालों को ट्रेस कर सैंपलिंग की जिम्मेदारी इन्हें दी गई है।

मगर संक्रमण की दूसरी लहर शुरू होने के बाद भी टीमें घर बैठकर ही काम कर रही हैं। अधिकांश संक्रमितों से फोन पर उनका हालचाल पूछकर रिपोर्ट बनाकर भेज देते हैं। ऐसे में कई संक्रमित और उनके परिवार वाले सड़कों पर घूमते रहते हैं। जिनसे संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है।


क्या कहते हैं ईओ नगरपालिका

शहर में संक्रमित निकालने पर नगरपालिका की जिम्मेदारी यह है कि स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाली सूची के आधार पर संक्रमित के घर और मोहल्ले को सैनिटाइज किया जाता है। मगर अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से बैरिकेडिंग के लिए नहीं कहा जाता है। इसलिए चूचना मिलने पर सफाई और सैनिटाइजेशन करा रहे हैं।

क्या कहते हैं सीएमओ

कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई टीमें संक्रमितों की निगरानी करने के लिए लगाई गई हैं। साथ ही संपर्क में आने वालों की सैंपलिंग भी कराई जा रही है।

शासन की गाइड लाइन के तहत काम किया जा रहा है। अगर किसी तरह की लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी। टीमें बैरिकेडिंग करा रही हैं।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *