अपनी जान पर आई तो लगा जुगाड़

अपनी जान पर आई तो लगा जुगाड़

Prakash Prabhaw News

प्रयागराज ।


अपनी जान पर आई तो लगा जुगाड़ 


Report --- BHUPENDRA PANDEY BUREAU PRAYEGRAJ 


बताते हैं आपको सच्चाई हमारे देश में पहले से ही लोग कहते आ रहें किसी भी काम को लेकर की नहीं होगा तो हम कोई जुगाड़ देखेंगे और आज यही जुगाड़ से अपनी जान बचा कर मुंबई से कैसे आये प्रयागराज जब अपनी जान पर आई तो कैसे अपनी जान को बचाने के लिए लगाया जुगाड़ बताते चले अपने पैतृक गांव कोटवा मुबारकपुर के रहने वाले मुंबई में नौकरी करने के लिए गए थे और हाल में यह कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण लोगों अपने घर आने के लिए कितने जुगाड़ लगा रहे हैं लेकिन प्रेम मूर्ति पाड़े नामक व्यक्ति ने यह सिद्ध कर दिया की जब अपने जान पर आता है तो कैसे कैसे जुगाड़ लगा लिया जाता है जब प्रेम मूर्ति को लगा की इस महामारी से अभी निजात नहीं मिलेगा और समय लगेगा और जान सकट में है तो इन्होंने अपने दिमाग से लगा दिया जुगाड़ और  2.5  लाख में खरीद लिया प्याज और बन गए कारोबारी  77 हजार किराया देकर लौटें अपने पैतृक स्थान आने की कर लिए तैयारी और लौट आये प्रयागराज में लेकिन इतनी लम्बी और महंगी यात्रा के बाद जब 23 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचे तो उसे पुलिस की पूछताछ और डाक्टरों की जाच से गुजरना पड़ा ! वह होम क्वारंटीन में है और उसकी टेस्ट रिपोर्ट अभी नहीं आई है  ! पाड़े ने बताया  , मैंने मुंबई में किसी तरह 2१ दिन तक तो गुजार लिया लेकिन लाकडाउन खुलने के कोई आसारा नहीं दिख रहें थे  अंधेरी ईस्ट में जहाँ मेरा घर है वहा घनी बस्ती है! और महामारी का खतरा भी वहाँ अधिक है  ! बस , ट्रेन , और विमान सेवाएं बन्द है  ! इसके बाद मैंने अपने पैतृक गांव घर पहुचने का रास्ता खोजा।

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