गोली लगने से सिपाही की संदिग्ध मौत, हत्या या आत्म हत्या

गोली लगने से सिपाही की संदिग्ध मौत, हत्या या आत्म हत्या

प्रतापगढ़

26. 09. 2020

रिपोर्ट ---मो. हसनैन हाशमी

गोली लगने से सिपाही की संदिग्ध मौत, हत्या याआत्महत्या ?

प्रतापगढ़ जनपद के लालगंज कोतवाली में सिपाही पद पर तैनात आशुतोष यादव की थाना परिसर से सटे बैरक में तीसरी मंजिल पर संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से हुई मौत से हर कोई स्तब्ध है। मृतक सिपाही आशुतोष यादव की 16 फरवरी 2019 को लालगंज कोतवाली में तैनाती हुई थी। अभी कुछ दिनों पहले ही वह घर से छुट्टी मनाकर लौटा था। शुक्रवार की सुबह वह हर रोज की तरह तैयार हुआ, खाना खाया, और अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गया। ए के 47 के साथ। आखिर ऐसा क्या हुआ कि वह बैरक के तीसरी मंजिल पर गया और सीढी पर अपने को स्वयं गोली मार ली। इस घटना के लगभग सात घण्टे बाद एक सिपाही उसे खोजते हुये पहुंचता है और देखता है कि वह सीढी पर रक्तरंजित मृत पडा हुआ रहता है। यहाँ पर सवाल यह है कि अगर उसे खुद को गोली मारनी थी तो तीसरी मंजिल की सीढी पर ही क्यों गया? वह दूसरी मंजिल या कही और भी आत्महत्या कर सकता था। जब वह ड्यूटी पर तैनात हो गया ए के 47 लेकर, उसे तकरीबन सात घण्टों के बाद ही क्यों खोजा गया? जब सिपाही अपने काम से नदारद था तो उसे पहले क्यों नही खोजा गया। बताया जा रहा है कि उसे पुलिस वालों द्वारा खोजने का प्रयास पहले किया गया, जब वह नहीं मिला तो उसका इंतजार किया जाने लगा। इसमेन कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा। क्या कारण था कि उसने अपना मोबाइल स्वीच आफ कर दिया? ताकि उसे कोई खोज न पाये। यह बात समझ से परे लगती है। लेकिन सिपाही की इस तरह से संदिग्ध मौत ने कई सवाल खडे कर दिये हैं, जिसका राज समय के साथ ही खुलेगा।बैरक के अन्दर फायर की आवाज भी किसी को क्यूँ नहीं सुनाई पडी़?अगर सिपाही की डियुटी कोतवाली प्रभारी के हमराही में लगाया गया था तो कोतवाली प्रभारी द्वारा क्षेत्र में निकलने पर उसको खोजा क्यूँ नहीं किया गया? मृत सिपाही के पास खोखा कहां से आया? रायफल में क्या फायर होने के बाद खोखा खुद बखुद बाहर गिर जाता है क्या? इसी प्रकार सिपाही की मौत पर तमाम तरह के सवाल खडे हो रहे हैं जिसका खुलासा तो निष्पक्ष जांच के बाद ही हो सकता है।

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