आगामी पंचायत चुनाव के लिए गांवों में सियासी लालीपाप से सजाई जा रही है फील्डिंग

आगामी पंचायत चुनाव के लिए गांवों में सियासी लालीपाप से सजाई जा रही है फील्डिंग

प्रतापगढ

27.09.2020

रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी

आगामी पंचायत चुनाव के लिए गांवो में सियासी लॉलीपॉप से सजाई जा रही फील्डिंग


प्रतापगढ जनपद के विभिन्न गांवों की सरकार बनाने की सुगबुगाहट में ग्रामीण क्षेत्र की आबोहवा में गजब का रोमांच है। सरकार ने दो बच्चों से अधिक और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता न रखने वाले प्रत्याशियों की आंखों से नींद चुरा लिया है लेकिन हर जगह हर कोई अपना अपना प्रचार प्रसार धीरे धीरे हौले हौले करके जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे है। जनता सब जानती है वह 5 साल कुढ़कर, बिदककर छटपटाहट झल्लाहट को माफ भी कर सकती है और किसी दूसरे को मौका देकर सबक भी सीखा सकती है। कई प्रधान 2 या 3 पंचवर्षीय से प्रधानी का तमगा लेकर टहल रहे है खुद को विकासपुरुष साबित कर रहे है लेकिन विपक्षी प्रत्याशी के पास यही मुद्दा है कि विगत 10 या 15 सालों में उन्होंने गांव को क्या दिया है। दरअसल उन्होंने गांव को वह दिया जो गांव चाहता है वह नही दिया जिसकी उसे जरूरत है। सबके अरमानों को पूरा करना किसी प्रधान के लिए मुश्किल है, फिर उन्हें सबकी आकांक्षा मुकम्मल करने की जरूरत ही क्या है जिससे समर्थन के साथ वोट मिल जाये चुनाव जीता जा सके तो औरों की दरकार क्या है। यही हिन्दुस्तानी लोकतंत्र और चुनाव पद्धति की घोर विसंगति है। अभी सब विकासपुरुष बने है सबके अपने अपने दावे है। सब पूरा का पूरा टोला अपना समझ रहे है,अभी चुनाव की घोषणा नही हुई है लेकिन गांव की गलियों और चौराहों पर रोमांच और एक सियासी आनंद तैर रहा है।

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