एसडीएम और सीओ क्या होता है -मैं हूं थाने का इंचार्ज,

प्रकाश प्रभाव न्यूज
कौशाम्बी । 19 जून 2020
रिपोटर-राहुल यादव पिपरी
एसडीएम और सीओ क्या होता है -मैं हूं थाने का इंचार्ज, कुर्सी की मदमस्त नशा में थाना प्रभारी करारी ने पीड़िता को धमकाते हुए कहा, चाहे जहां भी जाओ- जो मैं चाहूंगा वही होगा, करारी थाने के थानेदार का कारनामा
एसडीएम सीओ बेमतलब मैं हूं थाने का इंचार्ज ।
गांव की आरसीसी रोड पर एसडीएम के आदेश के बाद जबरन करा दिया कब्जा ।
पहुंच इतनी की अफसर बने असहाय,दलालों के इशारे पर चलता है थाना ।
कौशाम्बी । करारी थाना प्रभारी पर एसडीएम सदर व सीओ का आदेश कोई मतलब नहीं रखता है । सत्ता के नशे में मदमस्त थाना प्रभारी यहां तक बोल गए कि कहीं भी जाना हो जाओ एसडीएम सीओ मेरी जेब में रहते हैं । इस थाने का प्रभारी निरीक्षक मैं हूं और जब तक हूं मेरा ही आदेश चलेगा । मेरा 9 महीने का कार्यकाल हो रहा है अभी तक कोई डिगा नहीं सका है । उसने इतना भी ललकारा कि भाजपा के लोग केवल जिले स्तर की राजनीति करते हैं मेरी पहुंच शासन तक है, यही वजह है कि मेरा बाल बांका मेरे से ऊपर के अफसर नहीं कर पा रहे हैं । बेकाबू हालत में पीड़ितों ने हर जगह न्याय की गुहार लगाई लेकिन न्याय नहीं मिला । मामला करारी थाना क्षेत्र के सैदलीपुर गांव से जुड़ा है ।बताते चलें कि इन दिनों करारी थाना प्रभारी कृष्ण प्रताप सिंह हैं । जब से उन्होंने थाने की कमान संभाली है ढाई सौ ग्राम सभा वाले क्षेत्र में हरगांव के चौराहों पर दलालों का अड्डा बन चुका है । पुलिस दलालो की चौखट पर आधे घंटे से 40 मिनट तक रूकना जरूरी है । इस मामले की जांच हो तो असलियत सामने आ जाएगी । शाम के 5:30 बजे के बाद करारी थाना अध्यक्ष क्षेत्र की निगरानी के नाम पर मोबाइल होते हैं और रूट पडने वाले हर गांव के हर दलालों के पास चाय की चुस्कियां जरूर लेते हैं । हर ग्रामीणों को कहना है कि ऐसा इसलिए थाना प्रभारी करते हैं ताकि हर क्षेत्र में मैसेज जाए जहां बैठता हूं वहीं पर लोग आए और उन्हीं दलालों के इशारे पर सिस्टम बना हुआ है । वह जो कहेंगे उसी व्यक्ति को न्याय मिलेगा पीड़ित को न्याय मिलना है तो वह भी दलालों की शरण में जाना है या प्रतिवादी को मिलना है तो भी दलालों की शरण में जाना है । इस तरह से जिले की कानून व्यवस्था चल रही है ।
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