।।दशहरा महापर्व पर विशेष।।

।।दशहरा महापर्व पर विशेष।।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज 


संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"


।।दशहरा महापर्व पर विशेष।। 


धर्म विजय का गौरव मय इतिहास दशहरा है ।।

मानव के चारित्रिक बल का विश्वास दशहरा है।।

जब जब सत्ताओं ने संस्कृति का चीर हरण करना चाहा।

मानवता का पशुबल ने जब जब मर्दन करना चाहा ।।

जब जब अत्याचारों का प्रलयंकर छण साकार हुआ।।

तब तब किसी महामानव का धरती पर अवतार हुआ।।

इस पौराणिक गाथा का अहसास दशहरा है ।। 

धर्म विजय का गौरव मय इतिहास दशहरा है ।।1।।

कहाँ त्रिलोक विजेता रावण कहाँ विपिन वासी राघव।।

वहाँ स्वर्ण का नगर पग में पदत्राण नहीं संभव।।

एक लख पूत सवा लख नाती वहाँ यहाँ भालू बानर।।

किन्तु सत्य है जहाँ वहाँ फीके हैं सारे आडंबर।।

मरुथल में मधुबन जैसा उल्लास दशहरा है।।

धर्म विजय का गौरव मय इतिहास दशहरा है।।2।।

चला अनीति मार्ग पर जो वह आदर कभी न पाता है।।

इसी लिए हर ओर दशानन यहाँ जलाया जाता है।।

परनारी के आंसू अंगारे बन लंक जलाते है।।

अपराधी छिप जाय सिंधु में राम पहुँच ही जाते हैं।।

पाप प्रपंच दंभ का पूर्ण विनाश दशहरा है ।।

धर्म विजय का गौरव मय इतिहास दशहरा है ।।3।।

सीता जैसी पति ब्रता की यह है पावन अमर कहानी।।

सूर्य वंश का शौर्य और है वाल्मीकि तुलसी की बानी।।

महापर्व यह  भारत का गौरव हर वर्ष बढ़ाता है ।।

राम और रामायण की यादें ताजा कर जाता है।।

मोहरात्रि में निर्मल,, प्रखर प्रकाश दशहरा है।।4।।

धर्म विजय का गौरव मय इतिहास दशहरा है।।

मानव के चरित्र बल का विश्वाश दशहरा है।। 

सभी सनातन धर्मी मित्रों को दशहरा की बहुत - बहुत  बधाई।

।। जै जानकी जीवन।।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *