COVID-19 खिलाफ लखनऊ का एरा मेडिकल कॉलेज लिख रहा नई इबारत।

COVID-19 खिलाफ लखनऊ का एरा मेडिकल कॉलेज लिख रहा नई इबारत।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

रिपोर्टर : अब्बास

दिनांक :11/05/2021

लखनऊ: कोविड-19 चिकित्सा जगत के लिए नई पहेली बन कर उभरा है. कोविड-19 को लेकर नए रिसर्च चिकित्सा जगत में रोजाना हो रहे हैं इसके बावजूद नए चैलेंज मुंह बाए खड़े हुए हैं। कोरोना का "नया इंडियन स्ट्रेन" जिसको लेकर डब्ल्यूएचओ (WHO) ने भी संक्रमण फैलाने को लेकर के आगाह किया है, इससे लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश में कई चिकित्सा संस्थान अपना सीना ताने खड़े हैं राजधानी लखनऊ  स्थित ऐसा ही चिकित्सीय संस्थान एरा मेडिकल कॉलेज कोविड प्रबंधन में लगातार नई इबारत लिख रहा है।

एरा मेडिकल कॉलेज ने कोरोना मैनेजमेंट में अपने कोरोना इलाज़ के रिसर्च के आधार पर अलग नजरिया लोगों और मेडिकल प्रोफेशन के सामने पेश किया है. पर्सनल केयर से लेकर डाइट मैनेजमेंट और इलाज की शानदार सुविधा एरा मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 के इलाज़ में अलग स्थान पर ले जा रही है मेडिकल कॉलेज ने अपना निजी प्रोटोकॉल भी तैयार किया है, जो उनके अपने रिसर्च से तैयार किया गया है. और शायद ये बड़ी वजह है कि एरा मेडिकल कॉलेज का यह रोल मॉडल प्रोटोकॉल "96 से 97" फीसद तक मरीजों को ठीक कर रहा है खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी दर्जनों बार एरा के कोविड प्रबंधन की सराहना की है और इस मॉडल पर चलने के लिए प्रेरित किया है।

दरअसल कोरोना की जंग से लड़ने के लिए सबसे बड़ी तकनीकी बाधा यह थी कि जिसे इसका इलाज करना है, उसको भी इस महामारी से संक्रमित होने से बचना है। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही एरा मेडिकल कॉलेज ने सीख लिया था कि महामारी से लोहा कैसे लेना है। 2020 में कोविड में बेहतर काम करने के लिए एरा मेडिकल कॉलेज को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड से भी नवाजा गया। 2020 में जिन मरीजों का इलाज एरा ने किया था, उनके तमाम रिसर्च और दवा करने के तरीके को अपने यहां एरा ने संजो कर रख लिया। अब 2021 की दूसरी लहर में एरा मेडिकल कॉलेज का ये अनुभव काफी काम आ रहा है।

अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ एमएमए फरीदी कहते हैं कि 400 बेड के L3 लेवल के इस अस्पताल में विश्व स्तरीय मशीनें, तकनीकी स्टाफ, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ काम कर रहे हैं. एक तरफ जहां कई सारे अस्पतालों में ऑक्सीजन और मेन पावर के स्टाफ की कम होने का रोना रोया जाता है, वहीं दूसरी तरफ एरा मेडिकल कॉलेज में इस मामले में अपने आपको बहुत ज्यादा हाईटेक कर लिया है। मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कभी कोई कमी नहीं आई।

एरा मेडिकल कॉलेज का सबसे खूबसूरत पहलू कोविड प्रबंधन का है यहां मरीज के भर्ती होने पर उसकी केयर पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है सबसे पहले मरीज को अपने यहां एरा मेडिकल कॉलेज का स्टाफ चेक करता है, जिसमें सीटी स्कैन, x-ray ,ब्लड टेस्ट, ईसीजी से लेकर सभी जरूरी जांच होती हैं। यही नहीं ICPMS मशीन से शरीर में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जांच भी की जाती है। जिस पोषक तत्व की मरीज के शरीर में कमी होती है उसी के अनुसार डाइट चार्ट लागू कर दिया जाता है. मसलन आपकी जांच में पोटेशियम, मैग्नीशियम या हीमोग्लोबिन की कमी आई तो फौरन उस तरह का डाइट चार्ट आपको दिया जाएगा। ये कमी सुधरे।

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