चायल में थमा नहीं अवैध बालू का खेल, पुलिस ‘फेल’

चायल में थमा नहीं अवैध बालू का खेल, पुलिस ‘फेल’

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

कौशाम्बी । 15 जून 2020

रिपोटर-राहुल यादव पिपरी


चायल में थमा नहीं अवैध बालू का खेल, पुलिस ‘फेल’


*- ग्रामीणों का आरोप वर्दीधारी बगैर रवन्ना वाले वाहनों को रात में पकड़ छोड़ने का करते हैं सौदा*

 


चायल तहसील के मल्हीपुर, नंदा का पुरवा, चकपिन्हा, बजहा, कटैया इमली गांव, गोविंदपुर में बड़े पैमाने पर रात को अवैध बालू परिवहन का मामला प्रकाश में आया है। अवैध बालू के काले कारोबार में माफिया और वर्दीधारियों की भूमिका को लेकर इलाके के।ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा नही है कि प्रशासन को मामले की जानकारी नही है, पता नही क्यो मामले में जिले के बड़े अफसर से लेकर पुलिस और खनन विभाग कार्रवाई से बच रहे हैं। तिल्हापुर पुलिस चौकी क्षेत्र के उपरोक्त गांवो के बाग बगीचों और गांव के चारों तरफ सड़क के किनारे खेतों में जगह जगह अवैध बालू डंप पड़ा है। जानकारों की मानें तो इस अवैध धंधे में बालू माफिया व वर्दीधारी संलिप्त हैं। ग्रामीणों की माने तो माफिया और वर्दीधारियों का यह कोई नया खेल नही है। लेकिन अधिकारी हैं कि बगैर रवन्ना के जगह जगह अवैध बालू डंप के बाद भी कान व आंखें बंद किए बैठे हैं।

डंप बालू का खुलासा नहीं


चायल सर्किल पुलिस और खनन विभाग ओवर लोडिंग में बालू लदे कुछ ट्रैक्टरों का चालान और अज्ञात में अवैध खनन कुछ कार्रवाईयां जरूर किया है। लेकिन, बजहा, कटैया, पुरखास, चकपिन्हा, दुर्गापुर, इमलीगांव, तिल्हापुरमोड़, औधन, नेवादा के बाग बगीचों और सड़क किनारे खेतो में डंप पड़े अवैध बालू का खुलासा नहीं किया। 


अवैध बालू वाले वाहनों के छोड़ने के सौदे का ऐसे होता है खेल


ग्रामीणों की सूचना के बावजूद इलाकाई पुलिस अवैध खनन और परिवहन की पुष्टि को टालने के प्रयास में लगे रहते हैं। पुलिस सदैव खनन विभाग का मामला बताकर रटा रटाया जवाब देते रहते हैं। नाम न उजागर करने की शर्त पर ग्रमीणों ने आरोप लगाया है कि मल्हीपुर गांव के तीन ग्रामीण रोज रात को मोबाइल के जरिये इलाकाई पुलिस और उसके वाहन चालक को मुखबिरी कर अवैध खनन वाले तीन से पांच बालू लदे ट्रैक्टरों की लोकेशन देकर सराय अकिल के पुरखास के आस पास में पकड़वाते हैं। फिर इन वाहनों के छोड़ने के एवज में 20 से 25 हजार रूपये में सौदा तय होता है। पैसे मिलने पर वाहनों को छोड़ दिया जाता है। पैसे न मिलने की सूरत में मुकदमे में फसाने की धमकी देकर जबरन पैसों की वसूली की जाती है। इतना ही नही बेलगाम वर्दीधारियों की करतूतों को बचाने की जिम्मेदारी इलाकाई अफसर ने ले रखी है 

यदि पुलिस के बड़े आलाधिकारी मामले की गंभीरता को लेकर मल्हीपुर गांव के तीनो युवको के मोबाइल की सीडीआर अथवा इलाकाई पुलिस वाहन चालक के मोबाइल सीडीआर की जांच करवाते हैं तो पुलिस विभाग पर धब्बा लगाने का काम करने वाले इन वर्दीधारीयों का काला कारोबार बेनकाब हो सकता है। वहीं छोड़े गए यही वाहन गांवो के बाग बगीचों और खेतों में जगह जगह अवैध बालू बिना अनुमति के डंप किये हुए है।

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