तहरी भोज के साथ मनाया गया भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन

तहरी भोज के साथ मनाया गया भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन

प्रकाश प्रभाव

संवाददाता, सुनील मणि

 अमवा मुर्तजापुर में तहरी भोज के साथ मनाया गया भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन


नगराम लखनऊ। नगराम क्षेत्र के अमवा मुर्तजापुर गांव में रविवार को तहरी भोज के साथ भारत की प्रथम शिक्षिका महिला सावित्रीबाई फुले का जन्म दिन पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया नगराम के अमवा मुर्तजापुर गांव के रहने वाले त्रिभुवन भारती ने अपने घर पर तहरी भोज का आयोजन कर सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन मनाया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आर के चौधरी ने सभी ग्राम व क्षेत्रवासियों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने भारत की प्रथम शिक्षिका महिला सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर सभी को उनके विचारों के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर नगराम गढा छतौनी शिवगढ़ गूढा करोरवा, हरदोइया, सुखलाल खेड़ा अमवा मुर्तजापुर सहित कई गांव के दर्जनों ग्रामीण कार्यकर्ता व महिलाएं मौजूद रही।


कार्यक्रम के अवसर पर गजराज रावत त्रिभुवन भारती उमेश कुमार रघुनाथ नेता केतार पासी ने अपने संबोधन में समाज सुधारक विचार व्यक्त किए। वही तहरी भोज कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने क्षेत्रवासियों को जागरूक करते हुए बताया कि सावित्रीबाई फुले भारत की पहली समाज सुधारक महिला शिक्षिका थी ।


श्री चौधरी ने बताया सावित्रीबाई फुले ने समाज की महिलाओं के अधिकार के अलावा कन्या शिशु हत्या जैसे अभियान चलाएं। उन्होंने नवजात कन्या शिशु के लिए आश्रम तक खोला था शिक्षा ग्रहण करके ना सिर्फ समाज की कुरीतियों को हराया बल्कि देश की लड़कियों के लिए शिक्षा के दरवाजे खोलने का भी कार्य किया था । सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों को शिक्षा दिलाने के लिए समाज की परवाह किए बगैर अपने संघर्ष में लगी रही और सफलता को हासिल किया।

सावित्रीबाई फुले ने आज तकरीबन 150 वर्ष पहले महिलाओं को भी पुरुषों की तरह ही समान अधिकार दिलाने की बात की थी । श्री चौधरी ने बताया देश की पहली महिला शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्ता सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायकगांव में हुआ था सावित्रीबाई । फुले के पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था ।सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका समाज सुधारक एवं मराठी कवयित्री थी।

उन्होंने शिक्षा ग्रहण करके न सिर्फ समाज की कुरीतियों को हराया बल्कि देश की लड़कियों के लिए शिक्षा के दरवाजे खोलने का भी कार्य किया सावित्रीबाई फुले के पति ज्योतिबा राव गोविंदराव फुले सामाजिक कार्यकर्ता थे इन्होंने अपने पति ज्योतिबा राव फुले के साथ मिलकर 19वीं सदी में लड़कियों स्त्रियों के अधिकारों शिक्षा छुआछूत सती प्रथा बाल विवाह तथा विधवा विवाह जैसी कुरीतियों और समाज में फैले अंधविश्वास के खिलाफ संघर्ष किया था।

वही इस कार्यक्रम के अवसर पर बचन सिंह यादव रविंद्र रावत राजू पूर्व जिला पंचायत सदस्य अश्वनी रावत गजराज रावत परी लाल त्रिभुवन भारतीय केतार पासी आसाराम रावत राम नरेश रावत अशोक कुमार बौद्ध संतराम सत्य प्रकाश मंसाराम अंगनू उदय शंकर कुंभकरण रामफेर अरिमरदन उमेश कुमार भोला प्रसाद संतोष मास्टर दिनेश रमेश चंद्रभवन कुमार सत्यनाम रघुनाथ नेता रामसरन राकेश कुमार सहित दर्जनों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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