लालगंज खाद्य विभाग में बाबू की बादशाहत - सप्लाई इंस्पेक्टर की कुर्सी पर चल रही रंगदारी, डिविजनल अधिकारी मौन

लालगंज खाद्य विभाग में बाबू की बादशाहत - सप्लाई इंस्पेक्टर की कुर्सी पर चल रही रंगदारी, डिविजनल अधिकारी मौन

खाद्य विभाग के विज्ञप्ति में बाबू बना अधिकारी, जनता की साक्षात् कार्यालय - मित्रता परदा, रिश्वतखोरी और संस्था से तंग जनता ने जांच की मांग की

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(मिर्जापुर/लालगंज)-

लालगंज तहसील के खाद्य विभाग में अब फ्रैंक का आगमन हुआ। बताया जा रहा है कि विभाग के एक क्लर्क (बाबू) ने खुद को खाद्य आपूर्ति पर्यवेक्षक के पास से भी ऊपर से गिरफ्तार किया है, जहां पर कथित तौर पर कैथेड्रल इंस्पेक्टर बर्डी नाथ गुप्ता की कुर्सी पर कब्जा कर लिया गया है। नतीजा ये है कि जनता की जड़ें यहां तक ​​कूड़ा खा रही हैं और हर काम के लिए गरीबों की मांग की जा रही है।

लालगंज तहसील के खाद्य विभाग की कमी, अधिकारियों की सजावट और पोशाक की विरासत से जुड़ा हुआ है। बाबू के अधिकारी की कुर्सी पर केवल विशिष्टता नहीं, बल्कि प्रयोगशाला व्यवस्था पर सीधा प्रहार है।

अंतिम के दस्तावेज तो यह बाबू विभाग में रंगदारी स्टाइल में काम कर रहा है - राशन कार्ड अपडेट से लेकर कोटेदारों की फाइल पास होने तक, हर काम में पैसे की खुली छूट की जा रही है। डिविज़न अधिकारी पूरे प्रकरण पर शेल्स साधे बैठे हैं, जिससे संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं ये अशांति का मामला तो नहीं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से समुदायों और गरीबों के लिए बनी मंजूरी के लिए यह बाबू अपने फायदे के लिए लूट का जरिया बना चुका है।

जनता और कोटेशन की परेशानी:

गांव-गांव के कोटे के कोटे और राशन बाजार का आरोप है कि लालगंज खाद्य विभाग में "नोटों का सिस्टम" चल रहा है - जब भी पैसा मिलता है तो फाइल फाइल होती है। धार्मिक स्थल पर ही मस्जिद पर अब तक नहीं हुई कोई ठोस कार्रवाई।

जनता का कहना है कि "खाद्य विभाग" अब जनसेवा का केंद्र नहीं, बल्कि गरीबी का केंद्र बन गया है। पोर्टफोलियो पर कार्रवाई केवल पैसे के हिसाब से होती है, जबकि गरीब और पात्र उपभोक्ता महीनों के लिए चक्कर खाते रहते हैं।

जनता उच्च अधिकारी से कहा जा रहा है कि खाद्य विभाग में चल रहे इस सामान और कुर्सी के कब्जे के खेल की उच्च गुणवत्ता वाली जांच की जाए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो सके।

प्रशासन और सरकार की शैलियाँ पर उठे सवाल:

धातु और खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की शैलियाँ पर प्रश्न कार्रवाई के नाम पर सिर्फ असिस्टेंसी मिल रही है। राज्य सरकार की "भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन" की नीतियाँ उड़ रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोगी ही सहयोगी प्लांट पर जोर दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लालगंज तहसील में बाबू का साम्राज्य स्थापित है और अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।

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